समस्तीपुर के रामजानकी मंदिर से करोड़ों की मूर्तियां चोरी; बंदूक की नोंक पर पुजारी से चाबी छीनकर वारदात
समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र के भुसवर गांव स्थित ऐतिहासिक रामजानकी ठाकुरबारी मंदिर से बदमाशों ने पुजारी को पिस्टल दिखाकर मंदिर का ताला खुलवाया और मंदिर में स्थापित भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की बहुमूल्य मूर्तियां चोरी कर फरार हो गए। मूर्तियों की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।

बिहार के समस्तीपुर जिले के प्राचीन रामजानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर से राम, लक्ष्मण और सीता की प्राचीन मूर्तियां चोरो हो गई। जिनकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। चोरों ने मंदिर के पुजारी को बंदूक की नोंक पर बंधक बना लिया, उनकी पिटाई की और फिर करोड़ों की कीमत की मूर्तियां लेकर फरार हो गए। पुलिस ने बताया कि घटना जिले के विभूतिपुर थाना अंतर्गत भुसवार गांव में रामजानकी मंदिर की है। सोमवार तड़के जब मंदिर के पुजारी राम कैलास दास पर चार अज्ञात लोगों ने उस समय हमला कर दिया जब वह सो रहे थे। उन्होंने राम, लक्ष्मण और सीता की प्राचीन मूर्तियां छीन ली, जिसकी ग्रामीण पूजा करते हैं।
चोरों ने पुजारी के हाथ बांध दिए, उनके मुंह और आंखों पर टेप लगा दिया, उनकी पिटाई की और बंदूक की नोंक पर मंदिर के मुख्य द्वार की चाबियां छीन लीं। वो ना तो विरोध कर सके, और न ही शोर मचा सके। घटना के चोर मौके से भाग गए, दास को बांधकर और टेप लगाकर छोड़ दिया जब तक कि सुबह ग्रामीणों ने उन्हें नहीं देखा। दास पिछले छह सालों से मंदिर के लिए काम कर रहे हैं। अपराधियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। विभूतिपुर थाने के एसएचओ आनंद कश्यप ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, जबकि एफएसएल और डॉग स्क्वायड की टीम भी मौके पर पहुंच गई है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष शिवदानी प्रसाद सिंह ने बताया कि मंदिर में 100 साल से मूर्तियां रखी हुई थीं। मंदिर का दो साल पहले ही पुनर्निर्माण किया गया है, जबकि चोरों ने सोने के आभूषणों के साथ मूर्तियां लूट लीं। इससे पहले 8 फरवरी, 2019 को जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र में एक मंदिर से 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की लगभग 12 प्राचीन मूर्तियां लूट ली गईं थीं, जबकि चोरों ने विरोध करने पर एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी और पुजारी को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। पुलिस ने बताया था कि यह घटना महथी गांव में हुई थी, जहां बदमाशों ने मुरली-मनोहर ठाकुरबाड़ी से मूर्तियां लूट ली थीं।