कौन है संजीव मुखिया जिसके पास प्रोफेसर के जरिए सबसे पहले पहुंचा नीट प्रश्न पत्र, जानें मास्टरमाइंड की कुंडली
आर्थिक अपराध इकाई और पटना पुलिस संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। उसी के पास सबसे पहले प्रश्न पत्र आया था। जानकारी के मुताबिक किसी प्रोफेसर ने मोबाइल से क्वेश्चन भेजा था।
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NEET Paper Leak: मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए एनटीए द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित परीक्षा NEET यूजी एग्जामिनेशन में पेपर लीक मामले की जांच तेज होती जा रही है। पटना पुलिस और आर्थिक अपराधिकारी की छानबीन में नए-नए चेहरे सामने आ रहे हैं। सिकंदर, अमित, अनुराग, अंशुल और अतुल के बाद संजीव मुखिया का नाम सामने आया है। नालंदा के रहने वाले संजीव मुखिया को पेपर लीक कांड का बिहार में किंग पिन बताया जा रहा है। संजीव मुखिया बीएससी शिक्षक बहाली पेपर लीक कांड में जेल जा चुका है और उसका बेटा डॉक्टर शिव कुमार इसी मामले में अभी भी जेल में है। शिवकुमार पीएमसीएच से एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुका है।
आर्थिक अपराध इकाई और पटना पुलिस संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नालंदा के नगरनौसा गांव के रहने वाले संजीव मुखिया के पास ही नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र पहुंचा था। उसी ने सिकंदर यदुवंशी और अन्य को पेपर उपलब्ध कराया। उसके बाद 4 मई की रात और पांच मई को नीट के अभ्यर्थियों को प्रश्नों पत्र के उत्तर पटना के खेमनी चक स्थित प्ले एंड लर्न स्कूल के हॉस्टल में रटवाया गया। संजीव मुखिया का रवि अत्री गैंग से सीधा कनेक्शन है।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि संजीव मुखिया को नीट परीक्षा के प्रश्न पत्र एक प्रोफेसर ने उपलब्ध कराया था। प्रोफेसर ने मोबाइल के माध्यम से संजीव को प्रश्न पत्र भेजा। छात्रों से यह सौदा प्रति छात्र 40 लाख में डील किया गया था। इसमें 30 से 32 लाख रुपए ऊपर भेजने थे जबकि आठ लाख रुपए बीच के सेटिंग करने वाले सिकंदर, नीतीश और अमित जैसे बिचौलिए या रखने वाले थे। जानकारी के मुताबिक पूरी प्लानिंग संजीव मुखिया ने ही की थी। उसने अपने करीबी प्रभात रंजन का मकान इसके लिए किराए पर लिया था जिसमें स्कूल चलता है। प्रभात रंजन दनियावां प्रखंड का प्रमुख रह चुका है जिसकी पत्नी मुखिया थी। आर्थिक अपराधिकारी ने उससे भी पूछताछ की है।
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नीट पेपर लीक कांड में फरार चल रहे संजीव मुखिया का उपनाम लूटन मुखिया भी है। वह नालंदा के नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज में तकनीकि सहायक के पद पर तैनात था। नौकरी छोड़कर उसने राजनीति में कदम रखा और अपने पंचायत का मुखिया बन गया। 2016 में सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक में सबसे पहले उसका नाम आया बाद में बीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कांड में और जेल गया। उसके गांव वालों का कहना है कि संजीव मुखिया की पत्नी ममता कुमारी हरनौत विधानसभा से एलजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी है लेकिन हर का सामना करना पड़ा। धीरे-धीरे परीक्षाओं का पेपर लिख करवाना उसकी फैमिली बिजनेस बन गया जिसमें उसका बेटा भी संलिप्त है। फिलहाल संजीव मुखिया का बेटा डॉक्टर शिव बीएससी पेपर लीक में जेल की सलाह के पीछे बंद है।
संजीव मुखिया का पेपर लीक में बड़ा नेटवर्क है। कहां जा रहा है कि वह देश भर के परीक्षाओं का क्वेश्चन लीक करवाने में लगा रहता है। उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक में भी संजय मुखिया पर आशंका व्यक्त की जा रही है। पटना पुलिस और जांच एजेंसी उसकी तलाशी में धड़ाधड़ छापामारी कर रही है। लेकिन पैसे और राजनैतिक पहुंच के बल पर वह अभी तक पकड़ से बाहर है।