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दावा : शहरी वातावरण में बढ़ रहा है दमा

स्टॉकहोम, एजेंसी शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है। एक

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 18 May 2025 04:18 PM
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दावा : शहरी वातावरण में बढ़ रहा है दमा

स्टॉकहोम, एजेंसी शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है। एक नई अंतरराष्ट्रीय शोध में यह स्पष्ट किया गया है कि शहरों का वातावरण – जिसमें वायु प्रदूषण, हरियाली की कमी और कंक्रीट से भरे इलाके दमा जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ रहा है। इस अध्ययन में यूरोप के 14 अलग-अलग समूहों से 3.49 लाख से अधिक प्रतिभागियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। प्रतिभागियों की उम्र जन्म से लेकर 70 वर्ष तक की थी। शोध का उद्देश्य यह समझना था कि शहरी वातावरण के विभिन्न कारकों का संयुक्त रूप से दमा के विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है।

शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के निवास स्थानों के आधार पर तीन प्रमुख बाहरी पर्यावरणीय कारकों – वायु प्रदूषण, हरियाली की उपलब्धता (या कमी) और तापमान का आकलन किया। इसके बाद लोगों को उनके एक्सपोजर स्तर के आधार पर समूहों में बांटा गया और देखा गया कि किस तरह ये कारक दमा की शुरुआत से जुड़े हैं। शोध के प्रमुख निष्कर्ष वायु प्रदूषण: उच्च प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने वाले वयस्कों में दमा होने का खतरा 13% अधिक पाया गया, जबकि बच्चों में यह खतरा 18% तक बढ़ा। हरियाली की कमी: हरियाली रहित क्षेत्रों में रहने वाले वयस्कों को दमा का 15% ज्यादा खतरा था, वहीं बच्चों में यह जोखिम 38% तक अधिक था। संयुक्त प्रभाव: जिन इलाकों में वायु प्रदूषण ज्यादा था, हरियाली कम थी और कंक्रीट-डामर का बोलबाला था, वहां वयस्कों में दमा का खतरा 27% और बच्चों में 35% तक बढ़ गया। यहां तक कि जिन जगहों पर प्रदूषण कम था, लेकिन हरियाली नहीं थी और इलाका कंक्रीट से भरा था, वहां भी दमा का खतरा 36% तक बढ़ गया। तेजी से शहरों की ओर बढ़ रहे हैं लोग शोध में यह भी पाया गया कि शहरी वातावरण से जुड़े कारकों के कारण लगभग 12% दमा के मामले सीधे तौर पर सामने आते हैं। अध्ययन ने जीवन के सभी चरणों में इन जोखिमों की जांच की और बताया कि खराब शहरी नियोजन, प्रदूषण और तापमान में अत्यधिक बदलाव दमा के प्रमुख कारक हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि जैसे-जैसे लोग तेजी से शहरों की ओर बढ़ रहे हैं, जरूरी है कि शहरी नियोजन में स्वास्थ्य और पर्यावरणीय पहलुओं को प्राथमिकता दी जाए। हरियाली बढ़ाने, वायु प्रदूषण कम करने और तापमान के अनुकूल निर्माण कार्यों से दमा के मामलों में कमी लाई जा सकती है।

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