देने को कुछ है नहीं, बनते हैं दानवीर; जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन का तेजस्वी यादव पर तंज
- तेजस्वी यादव की घोषणाओं पर तज कसते हुए संतोष कुमार सुमन ने कहा कि जिनके पास देने के लिए कुछ नहीं है वे दानवीर बन रहे हैं। ये सब बेकार की बाते हैं। इससे कोई लाभ नहीं वाला है।
नौकरी और रोजगार बिहार में सियासत का चुनावी हथियार बन गया है। पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने 17 महीने के कार्याकाल को आधार बनाकर बिहार की जनता से सरकार बनते ही नौकरी और रोजगार का वादा करते नहीं थकते। कार्यकर्ता दर्शन कार्यक्रम में नीतीश कुमार को थका हुआ मुख्यमंत्री और बेरोजगारों को काम देने का वादा करते देखे जाते हैं। नेता प्रतिपक्ष दो सौ यूनिट फ्री बजली और माई बहिन सम्मान योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह 2500 देने का भी ऐलान करते हैं। इस पर नीतीश सरकार के मंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने तेजस्वी यादव पर तीखा जुबानी हमला किया है। उन्होनें का है कि उनके पास देने के लिए किया है कि दानवीर बनते है।
तेजस्वी यादव की घोषणाओं पर तज कसते हुए संतोष कुमार सुमन ने कहा है कि जिनके पास देने के लिए कुछ नहीं है वे दानवीर बन रहे हैं। ये सब बेकार की बाते हैं। इससे कोई लाभ नहीं वाला है। पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिनके पास देने को कुछ नहीं हो वह कहता है कि हम दानवीर हैं। यही हाल तेजस्वी यादव का है। वे घोषणा करते रहते हैं लेकिन देंगे कहां से।वे अभी क्या हैं जो देंगे। हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री थे तो दे दिए। लेकिन तेजस्वी यादव कहां से देंगे। यह सब फालतू और हाइपोथेटिकल बात है जो कभी हो नहीं सकता।
दरअसल साल 2025 बिहार के लिए चुनावी वर्ष है। इसे लेकर सभी राजनैतिक दल अपनी अपनी जीत के लिए जनता के बीच एक्टिव हैं और लोक लुभावन वादों की झड़ी ला रखी है। चुनावी तैयारी के तहत तेजस्वी यादव का कार्यकर्ता सम्मान कार्यक्रम चल रहा है जिसके तहत वे राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दे रह रहे हैं।
इधर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव के कार्यकाल में पथ निर्माण विभाग में 26 करोड़ 16 लाख के घपले का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि है जांच होगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।