सहकारिता बैंक में धोखाधड़ी पर ऐक्शन, ED ने चार को पकड़ा; पूर्व मंत्री आलोक मेहता को समन भेजने की तैयारी
्
वैशाली शहरी विकास सहकारिता बैंक (वीएसबी) में लोन वितरण के नाम पर 85 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया है। इनमें बैंक के अधिकारी और घोटाले से सीधा लाभ कमाने वाले व्यवसायी भी शामिल हैं। गिरफ्तार होने वालों में बैंक के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) विपिन तिवारी एवं उनके श्वसुर राम बाबू शांडिल्य के अलावा दिल्ली के व्यापारी नितिन मेहरा और कोलकाता के व्यापारी संदीप सिंह शामिल हैं। राम बाबू शांडिल्य को गाजीपुर से गिरफ्तार किया गया है। उन पर पहले से भी यूपी के पूर्वांचल सहकारिता बैंक में हुई 30 करोड़ रुपये से अधिक की घपलेबाजी का मामला दर्ज है।
राम बाबू शांडिल्य वैशाली शहरी विकास सहकारिता बैंक में पूर्व प्रवर्तक थे। यहां हुए घोटाले में भी उनका नाम अपने दामाद विपिन तिवारी के साथ प्रमुखता से सामने आया है। विपिन तिवारी वाराणसी से गिरफ्तार किये गये हैं। व्यापारी नितिन मेहरा और संदीप सिंह की कंपनियों एवं निजी बैंक खातों में इस घपले की राशि को ट्रांसफर करके छिपाने की कोशिश की गई थी। साथ ही इनके खातों से घोटाले की राशि को दूसरे कई खातों में भी ट्रांसफर किया गया था।
जल्द ही इस मामले में ईडी कई और लोगों की गिरफ्तारी करने जा रही है। खासकर उन लोगों को जो सीधे तौर पर इस राशि के लाभार्थी रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद घोटाले की राशि 85 करोड़ में बढ़ोतरी की भी संभावना है।
पूर्व मंत्री आलोक मेहता को जारी होगा समन
राज्य के पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता को भी समन जारी किया जा रहा है। इन्हें भी पटना स्थित ईडी कार्यालय बुलाकर पूछताछ की जाएगी। इसे लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी ने कवायद तेज कर दी है। इस मामले में अभी इस बैंक के अध्यक्ष संजीव कुमार फरार चल रहे हैं। इनकी तलाश ईडी कर रही है। उन्हें आलोक मेहता का बेहद करीबी बताया जाता है।
दो को कोर्ट में पेश कर भेजा जेल
ईडी ने विपिन तिवारी और रामबाबू शांडिल्य को शनिवार को पटना स्थित विशेष कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया। अब इन दोनों को जल्द ही रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
मेहता के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी पूरी
आलोक कुमार मेहता के पटना स्थित सरकारी आवास, हाजीपुर समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी शुक्रवार देर रात ही पूरी कर ली गई थी। परंतु इस मामले में दिल्ली, वाराणसी समेत कुछ अन्य ठिकानों पर शनिवार की देर शाम तक छापेमारी की कार्रवाई चली।