Bridge Construction Over Ganga Local Issues and Government Waste महज 35 दिनों के लिए 29 लाख की लागत से बनाया गया पांटून पुल, Gangapar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsGangapar NewsBridge Construction Over Ganga Local Issues and Government Waste

महज 35 दिनों के लिए 29 लाख की लागत से बनाया गया पांटून पुल

Gangapar News - सैदाबाद के दुमदुमा से लकटहा गंगा घाट पर पीपे का पुल पांच मई से शुरू

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारSun, 18 May 2025 05:42 PM
share Share
Follow Us on
महज 35 दिनों के लिए 29 लाख की लागत से बनाया गया पांटून पुल

गंगापार को यमुनापार को जोड़ने के लिए सैदाबाद के दुमदुमा से लकटहा गंगा घाट पर पीपे का पुल बनाया गया है। पांटून पुल बनाए जाने की लागत व रखरखाव का खर्च 29 लाख है। इस तरह से देखा जाय तो पुल पर एक दिन के आवागमन की लागत लगभग 83 हजार रुपये है। पुल निर्माण होने से सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे स्टीमर व नावों को बंद कर दिया गया है। स्थानीय मल्लाह नावों से गंगा पार कराने के लिए मनमाना तरीके से राहगीरों से वसूली कर रहे है। पांटून पुल को पांच मई को राहगीरों के लिए खोल दिया गया जबकि 10 जून को तोड़ भी दिया जाएगा।

स्थानीय लोगों की गुहार पर पांच मई से पुल से आवागमन शुरू किया गया, लेकिन अव्यवस्था के चलते गंगापार कर रहे चार पहिया व दो पहिया वाहन रेत में फंस जा रहे हैं। क्षतिग्रस्त चकर्ड प्लेट के कारण वाहनों के टायर पंक्चर हो रहे हैं। पहले तो महाकुम्भ होने की वजह से इस साल पीपे का पुल देर से बनाया गया। वहीं पुल बनाने में घोर लापरवाही बरती गई है। पुल पर चकर्ड प्लेट नहीं बिछाई गई है। अधूरे पुल से ही पांच मई से आवागमन शुरू करा दिया गया है। चकर्ड प्लेट को सहारा देने के लिए लगाए गए लकड़ी के लट्ठे पर ही वाहनों का आवागमन शुरू करा दिया गया है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। मामले में संबंधित विभाग के जेई राजेश मौर्य ने बताया कि मजदूर न मिलने की वजह से यह समस्या उत्पन्न हो रही है। एक दो दिन में सब ठीक कर दिया जाएगा। सरकारी धन की बर्बादी हर साल दिसंबर जनवरी माह में पुल बना दिया जाता था। महाकुम्भ होने की वजह से पुल में लगने वाले पीपे मेले में गए थे। मेला समाप्त होने के बाद दुमदुमा लकटहा घाट पर पुल बनाया गया जिससे देर हो गई। अभी तक पुल का निर्माण पूरा नहीं किया गया है। हर साल दस जून को पुल तोड़ दिया जाता है। ऐसे में लोगों का कहना है कि पुल बनने के बाद ही तोड़ दिया जाएगा। लोग इसे सरकारी धन की बर्बादी से जोड़ रहे है। दुमदुमा गंगाघाट से गंगापार कर रहे यात्रियों ने बताया कि पहले पुल बनने के पहले निःशुल्क स्टीमर का संचालन किया जाता था। इस साल स्टीमर नहीं चलाई जा रही है। निजी नावें एक व्यक्ति से पचास रुपये लेते हैं। मजबूरी में राहगीरों को नाव संचालकों को देना पड़ता है। राहगीरों ने पुल के मुकम्मल निर्माण की मांग की है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।