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किशनगंज : विश्व उच्च रक्तचाप दिवस :स्वास्थ्य विभाग ने जिले में चलाया जागरूकता व नि:शुल्क जांच कार्यक्रम

किशनगंज में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम और निःशुल्क जांच अभियान चलाया गया। डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि उच्च रक्तचाप एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 17 May 2025 07:03 PM
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किशनगंज : विश्व उच्च रक्तचाप दिवस  :स्वास्थ्य विभाग ने जिले  में चलाया जागरूकता व नि:शुल्क जांच कार्यक्रम

किशनगंज । एक प्रतिनिधि विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर शनिवार को सदर अस्पताल सहित जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थान में जागरूकता कार्यक्रम एवं निःशुल्क जांच अभियान चलाया गया।सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है, ताकि लोग समय रहते जांच कराएं, सावधानी बरतें और गंभीर परिणामों से बच सकेंउ न्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन आज वैश्विक स्तर पर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति की धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य सीमा से अधिक हो जाता है।

शुरुआत में यह रोग कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन अंदर ही अंदर शरीर को नुकसान पहुंचाता रहता है। यही कारण है कि इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। दुनियाभर में लाखों लोग इस रोग से प्रभावित हैं और इनमें से बड़ी संख्या में लोग अपनी स्थिति से अनजान रहते हैं। यह रोग धीरे-धीरे हृदयाघात, पक्षाघात, किडनी फेलियर और यहां तक कि अचानक मृत्यु तक का कारण बन सकता है। गलत जीवनशैली, असंतुलित खानपान, तनाव, शारीरिक निष्क्रियता और आनुवंशिकता इसके मुख्य कारण हैं।बताया कि इस वर्ष 2025 की थीम अपने रक्तचाप को सटीक मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहें । इसी संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया। लोगों को बताया गया कि रक्तचाप की सटीक और नियमित माप ही समय पर निदान और बचाव की पहली सीढ़ी है। बताया कि 30 वर्ष की उम्र पार कर चुके लोगों में उच्च रक्तचाप की संभावना अधिक होती है। उन्होंने कहा कि यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है।यदि परिवार में किसी को पहले यह रोग रहा है, तो उसकी अगली पीढ़ी को भी जोखिम रहता है। विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर जिले के सभी पीएचसी-सीएचसी एचडब्लूसी एवं सदर अस्पताल में नि:शुल्क रक्तचाप जांच शिविर आयोजित किया गया। इन शिविरों में सैकड़ों लोगों की जांच की गई और उन्हें संतुलित जीवनशैली अपनाने, नियमित जांच कराने और चिकित्सकीय परामर्श लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा 80 से 85 प्रतिशत मामलों में उच्च रक्तचाप के कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन इसका असर शरीर के अंगों पर गहराई से होता है। जब इसका पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसलिए इसे हल्के में न लें। ज्यादातर मौतों के लिए जिम्मेदार हैं गैर संचारी रोग: विल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने बताया कि भारत में लगभग हर चौथा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि देश में होने वाली कुल मौतों में से ज्यादातर मौतें गैर संचारी रोगों के कारण होती हैं, जिनमें से 27 प्रतिशत केवल हृदयाघात से होती हैं। उन्होंने कहा कि जीवनशैली में थोड़ा सा सुधार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और नमक-तेल की मात्रा पर नियंत्रण रखकर इस रोग से काफी हद तक बचा जा सकता है। उच्च रक्तचाप से बचाव के प्रमुख उपाय: संतुलित आहार, फल-सब्जियों का अधिक सेवन नियमित व्यायाम और योग नमक, घी, तेल और प्रोसेस्ड फूड का कम सेवन धूम्रपान व मादक पदार्थ से दूरी तनावमुक्त जीवनशैली हर 6–12 महीने में रक्तचाप जांच चिकित्सकीय सलाह पर दवा सेवन

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