अररिया में दारोगा की हत्या की असली वजह क्या है? घर वाले बोले- पुलिस की बात हजम नहीं हो रही
बिहार पुलिस के दारोगा राजीव कुमार की अररिया जिले में हत्या किए जाने के मामले में परिजन ने सवाल उठाए हैं। घर वालों का कहना है कि पुलिस मौत की असली वजह छिपा रही है। धक्कामुक्की से मौत की बात हजम नहीं हो रही है।

ASI Murder in Bihar: बिहार के अररिया जिले में अपराधी को पकड़ने गए दारोगा की हत्या के मामले में परिजन ने पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाए हैं। परिवार वालों ने पुलिस पर एएसआई की मौत की असली वजह छिपाने का आरोप लगाया है। दिवंगत दारोगा की चाची आशा देवी, शीला देवी समेत अन्य लोगों ने कहा कि मौत की असली वजह प्रत्यक्षदर्शी ही बता सकते हैं। हमारा लाल तो थाने के आदेश का पालन कर रहा था। धक्का-मुक्की में उसकी मौत की बात हजम नहीं हो रही है।
दिवंगत दारोगा राजीव कुमार मल्ल उर्फ राजीव रंजन मूलरूप से मुंगेर के रहने वाले थे। उनकी मौत की सूचना मिलने के बाद पैतृक गांव में सन्नाटा छा गया। सदर प्रखंड के जानकीनगर कुशवाहा टोला के हर महिला-पुरुष अपने बेटे और भाई के खोने के गम में डूबे हैं। यहां के 100 परिवारों में होली नहीं मनेगी। दिवंगत राजीव रजंन के घर के दरवाजे पर गुरुवार शाम को कई पुरुष और महिलाएं चुपचाप बैठे नजर आए। दबी जुबान हर कोई बस हत्याकांड पर चर्चा कर रहा था।
दरवाजे पर बैठे चाचा कैलाश मल्ल फूट-फूट कर रोते हुए कहते हैं कि राजीव कुमार गांव के जिगर का टुकड़ा था। हर किसी की मदद करता था। छह फीट के हट्टा कट्ठा जवान की अचानक मौत कैसे हो सकती है। उसे कोई बीमारी नहीं थी, बिल्कुल स्वस्थ्य था। उन्होंने भी पुलिस पर गुमराह करने का आरोप लगाया।
भतीजे के अंतिम दर्शन को दिवंगत राजीव के चार पांच चाचा और चाची दुमका-पटना ट्रेन से पटना रवाना हुए। दिवंगत दारोगा के पिता अनिल कुमार मल्ल के अस्वस्थ रहने के कारण उनका दाह संस्कार शुक्रवार को पटना में ही किया जाएगा। परिजन राकेश कुमार ने बताया कि गांव के 100 घरों में इस बार होली नहीं मनेगी।
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