मंगलसूत्र बांधते ही दूल्हे को आया हार्ट अटैक, तुरंत हो गई मौत; मातम में बदला शादी समारोह
युवाओं में हार्ट अटैक की बढ़ती समस्या के प्रमुख कारण आधुनिक जीवनशैली से जुड़े हैं। तनाव, अनियमित खानपान, और शारीरिक निष्क्रियता जोखिम को बढ़ाते हैं। जंक फूड का अत्यधिक सेवन, मोटापा, उच्च रक्तचाप, और मधुमेह भी अहम कारक हैं।

कर्नाटक के बागलकोट जिले में शनिवार को शादी समारोह के दौरान बेहद दुखद घटना घटी। 25 वर्षीय दूल्हे प्रवीण ने अभी अपनी दुल्हन के गले में मंगलसूत्र बांधकर विवाह की रस्म पूरी की ही थी, अचानक उसके सीने में दर्द होने लगा। इस बारे में शिकायत के तुरंत बाद वह बेहोश होकर गिर पड़ा। यह देखकर उसके परिवार वाले और दोस्त हैरान रह गए। यह घटना बागलकोट के जमखंडी कस्बे की है। शादी समारोह में मौजूद लोगों ने बताया, 'मंगलसूत्र बांधने के बाद प्रवीण को असहज महसूस हुआ और कुछ ही देर में वह जमीन पर गिर गया। आनन-फानन में उसे नजदीकी निजी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।'
प्रवीण की मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। फिलहाल, शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। इस घटना के चलते पूरे समुदाय के लोग शोक में डुब गए और नवविवाहित दुल्हन के लिए यह पल भारी दुख में बदल गया। गौरतलब है कि यह कोई पहली घटना नहीं है जब ऐसी त्रासदी हुई। जब उत्सव का माहौल मातम में बदल गया। इसी साल फरवरी में मध्य प्रदेश में संगीत समारोह के दौरान ऐसी घटना हुई। 23 वर्षीय महिला को मंच पर हार्ट अटैक आया और उसकी मृत्यु हो गई। इसी तरह दिसंबर 2024 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में ऐसा हादसा हुआ था। 14 वर्षीय छात्र की खेल प्रतियोगिता की तैयारी के दौरान हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी।
युवाओं में हार्ट अटैक की बढ़ती समस्या का क्या कारण
भारत में युवाओं में हार्ट अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो कि चिंता का विषय है। पहले यह समस्या मुख्य रूप से बुजुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब 20-40 वर्ष की आयु के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। इसका प्रमुख कारण आधुनिक जीवनशैली है जिसमें तनाव, अनियमित खानपान, शारीरिक निष्क्रियता और धूम्रपान शामिल हैं। जंक फूड का अत्यधिक सेवन, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापा भी जोखिम बढ़ाते हैं। इसके अलावा, अनुवांशिक कारक और प्रदूषण भी अहम भूमिका निभाते हैं। युवा अक्सर लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है। जागरूकता की कमी और समय पर मेडिकल न मिलना भी मृत्यु दर बढ़ाता है। इस समस्या से निपटने के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच जरूरी है।