हल्द्वानी में पानी देने में फिल्टर प्लांट और ट्यूबवेल फेल
हल्द्वानी में गर्मी के कारण पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पानी की कमी से परेशान हैं। जल संस्थान द्वारा उपलब्ध कराए गए ट्यूबवेल और फिल्टर प्लांट पर्याप्त पानी...

हल्द्वानी। गर्मी की मार के साथ ही हल्द्वानी में पेयजल का गंभीर संकट बन गया है। शहरी के साथ ही ग्रामीणों क्षेत्र पानी की कमी से जूझ रहे हैं। लोग लगातार शिकायतें दर्ज कर रहे हैं। पेयजल आपूर्ति के लिए बनाए गए फिल्टर प्लांट और ट्यूबवेल पानी की मांग पूरी करने मे फेल साबित हो रहे हैं। जल संस्थान गौला नदी के पानी को शीशमहल के फिल्टर प्लांट में साफ कर और 82 ट्यूबवेल की मदद से भूजल निकाल कर घरों तक पानी भेजता है। हर दिन 95 एमएलडी पानी की जरूरत बनी हुई है। वहीं फिल्टर प्लांट से 34 एमएलडी और ट्यूबवेल से 36 एमएलडी पानी ही मिल रहा है।
ऐसे में हर रोज 25 एमएलडी यानी 25 करोड़ लीटर पानी की कमी बनी हुई है। पेयजल नहीं मिलने से एक दर्जन से ज्यादा ड्राई जोन बन गए हैं। ऐसे में लोगों टैंकर से मिलने वाले पानी पर निर्भरता बनी हुई है। कई लोगों को निजी टैंकर भी मंगाने पड़ रहे हैं। 20 घंटे चल रहे ट्यूबवेल हो रहे बंद पेयजल की मांग के लिए भूजल निकालने को ट्यूबवेल 16 से 20 घंटे तक चलाए जा रहे हैं। जिससे पानी की साथ रेत निकलने की समस्या बढ़ रही है। वहीं पिछले एक माह में जल संस्थान और नलकूप खंड के 14 ट्यूबवेल लगातार पानी खींचने से खराब हुए हैं। दो दिन बाद पहुंच रहा पानी पानी की कमी से शहर के कई क्षेत्रों में दो दिन बाद पानी पहुंच रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत दमुवाढूंगा, चौफुला, नई बस्ती काठगोदाम, ठोकर बस्ती काठगोदाम, भरतपुर, भगवानपुर, बजूनियाहल्दू, नंदपुर, छडायल, इंद्रानगर, वनभूलपुरा, लालडांठ क्षेत्र, बमौरी, बिठौरिया क्षेत्र के लोगों को झेलनी पड़ रही है। बासी पानी पीना मजबूरी बना हुआ है। हर दिन पचास से ज्यादा शिकायतें जल संस्थान में हर दिन पचास से ज्यादा शिकायतें दर्ज हो रही हैं। पेयजल के समाधान के लिए बनाए कंट्रोल रूम के साथ विभाग के कार्यालयों में लगातार लोगों की शिकायत दर्ज हो रही हैं। इसके बाद भी समाधान होना मुश्किल बना हुआ है। साल भर बना रहता है पेयजल का संकट हल्द्वानी में साल भर पेयजल का संकट बना रहता है। सर्दियों और मानसून के मौसम में पानी का उपयोग कम होने से परेशानी कम होती है। वहीं गर्मियों में नहाने, कपड़े धोने के साथ पीने के लिए पानी का उपयोग बढ़ गया है। ऐसे में पेयजल का गंभीर संकट नजर आ रहा है। गौला का जलस्तर 95 क्यूसेक गर्मी के असर से गौला नदी का पानी भी लगातार सूख रहा है। गुरुवार को नदी का जलस्तर 95 क्यूसेक दर्ज किया गया। सिंचाई के लिए किसानों को पानी मिलना भी मुश्किल हो गया है। जल्द ही बारिश नहीं होती है तो नदी का पानी और कम होने की आशंका बनी हुई है। गर्मियों में पानी की मांग ज्यादा बनी रहती है। पानी की कमी से प्रभावित क्षेत्रों में जरूरत के अनुसार टैंकर से लगातार पानी भेजा जा रहा है। रविशंकर लोशाली, अधिशासी अभियंता जल संस्थान
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