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येरुशलम से आए तीन पर्यटक पहुंचे महाकुंभ, इजरायल की मिट्टी से मिलेगी संगम की पवित्र रेत

  • महाकुंभ में तीन विदेशी पहुंचे। तीनों ने उस मार्ग की रेत को माथे से लगाया और उसके बाद अपने बैग में दो-तीन मुट्ठी रेत भर ली। ये तीनों इजरायल के येरुशलम से यहां आए और संगम की रेत अपने साथ ले जाएंगे।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, ध्रुव शंकर तिवारी, प्रयागराजWed, 15 Jan 2025 07:54 AM
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येरुशलम से आए तीन पर्यटक पहुंचे महाकुंभ, इजरायल की मिट्टी से मिलेगी संगम की पवित्र रेत

महाकुम्भ के पहले अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति पर हर कोई संगम जाने को उत्साहित दिखा। सुबह 11.30 बजे दिगंबर अनि अखाड़े के संत-महात्मा अमृत स्नान के लिए जिस मार्ग से संगम की ओर निकले उस रास्ते पर तीन विदेशी पहुंचे। तीनों ने उस मार्ग की रेत को माथे से लगाया और उसके बाद अपने बैग में दो-तीन मुट्ठी रेत भर ली। यह देख हमने पूछा ऐसा क्या है इस रेत में, तब वे बोले इसे येरुशलम लेकर जाना है। उन्हें काम भर हिंदी बोलता देख और येरुशलम का नाम सुनकर मैंने पूछा आप इजरायल से हो, तो उन्होंने कहा, हां।

तीनों ने अपना नाम क्रमशः गिलाज, गिलेट्ज और वाडा बताया। फिर सवाल संगम की रेत पर केंद्रित किया तो वे कहने लगे कि हम तीनों दोस्त इजरायल की राजधानी येरुशलम में रहते हैं। पहली बार प्रयागराज आए हैं। हम लोग सुबह से देख रहे थे कि यहां की रेत को लोग अपने सिर पर छिड़क रहे हैं। हमने भी सोचा कि आतंकियों ने हमारे बहुत से साथियों को मार डाला था। वहां की मिट्टी में इस रेत को मिलाना है। अपने दोस्तों को रेत देंगे, ये संगम की रेत है, जो दुनिया में कहीं नहीं मिलेगी। हमने काशी के बारे में बहुत सुना था और वहां पांच दिन रहकर 13 जनवरी की रात प्रयागराज आए हैं। हमारे यहां के लोग सोशल मीडिया पर महाकुम्भ का वीडियो खूब देखते हैं। इसलिए हमने काशी के बाद प्रयागराज आने का प्लान बनाया था। यहां पांच दिनों तक रहना है।

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नागा संन्यासियों की चरण रज माथे लगाकर श्रद्धालु निहाल प्रयागराज। मकर संक्रांति पर सनातन परंपरा के ध्वज वाहक अखाड़ों के अमृत स्नान पर संगम नोज पर आस्था, श्रद्धा और विश्वास का अनूठा संगम दिखा। राजसी वैभव के साथ रथ पर विराजमान होकर संत-महात्मा अमृत स्नान करने के लिए संगम की ओर चले तो उनके दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु अपलक निहारते रहे।

सुबह 6:30 बजे जब हजारों की संख्या में नागा संन्यासी संगम नोज पहुंचे तो हर-हर गंगे... जय श्रीराम.. के उद्घोष से घाट गूंज उठा। स्नान के बाद संगम से नागा संन्यासियों ने अखाड़ा के लिए प्रस्थान किया तो उनकी चरणरज को अपने माथे से लगाने के लिए श्रद्धालुओं की होड़ लग गई। इस चक्कर में कई श्रद्धालु बैरीकेडिंग पार कर गए। कोलकाता के श्रद्धालु दीपक, सोनू, प्रमिला और नेहा ने रजकण को सहेज कर बैग में रख लिया।

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