यूपी उपचुनावः भाजपा ने कानपुर की सीसामऊ सीट से भी घोषित किया नाम, कौन हैं सुरेश अवस्थी?
यूपी उपचुनाव के लिए भाजपा ने कानपुर की सीसामऊ सीट पर भी प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। सीसामऊ से सुरेश अवस्थी को टिकट दिया गया है।
यूपी उपचुनाव के लिए भाजपा ने कानपुर की सीसामऊ सीट पर भी प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। गुरुवार की सुबह भाजपा ने नौ में से सात सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। एक सीट रालोद को देने के बाद कानपुर की सीसामऊ पर ही नाम फंसा था। इस सीट पर सस्पेंस खत्म कर सुरेश अवस्थी को उतारने की घोषणा की गई है। 25 अक्टूबर को नामांकन का अंतिम दिन है। भाजपा के सभी प्रत्याशी कल अंतिम दिन ही अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उपचुनाव की सभी सीटों पर विधायकों के सांसद बननेन के कारण चुनाव हो रहा है। केवल सीसामऊ ऐसी सीट है जहां विधायक इरफान सोलंकी के आपराधिक मामले में सजा के बाद सीट रिक्त होने पर चुनाव हो रहा है। सपा ने इरफान की पत्नी को टिकट दिया है।
भाजपा से टिकट पाने वाले सुरेश अवस्थी इससे पहले भी सीसामऊ सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। तब वह पूर्व विधायक इरफान सोलंकी से करीब पांच हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। इसके बाद सुरेश अवस्थी को आर्यनगर से चुनाव लड़ाया गया। लेकिन यहां भी हार का स्वाद चखना पड़ा। इस बार फिर उन्हें सीसामऊ लाया गया है। माना जा रहा है कि पहले भी सीसामऊ में लड़ने की वजह से सुरेश अवस्थी की कार्यकर्ताओं के बीच में पैठ है और वह ब्राहृमण चेहरे के रूप में भी जाने जाते हैं। सुरेश अवस्थी छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में आए हैं।
भाजपा के साथ ही सपा ने बची हुई दो सीटों गाजियाबाद और अलीगढ़ की खैर पर अपने नाम घोषित कर दिए। सपा ने गाजियाबाद से सिंह राज जाटव और खैर से डॉक्टर चारू कैन को उतारा है। चारू कैन फिलहाल कांग्रेस में हैं। ऐसे में मान लेना चाहिए कि यहां पर सिंबल सपा का है लेकिन प्रत्याशी कांग्रेस का मैदान में उतरा है।
इसी तरह रालोद को दी गई मीरापुर सीट पर भाजपा की नेता मिथिलेश पाल को जयंत चौधरी ने टिकट दिया गया है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान सपा का साथ छोड़कर भाजपा से गठबंधन करने वाले जयंत चौधरी ने अखिलेश पर सीट देने के बाद अपना ही प्रत्याशी रालोद के सिंबल पर उतरवाने का आरोप लगाया था। अब वैसा ही कुछ भाजपा के साथ रहने पर भी जयंत के साथ हुआ है। रालोद को मिली सीट पर भाजपा की नेता मिथिलेश पाल को उतारा गया है।
मिथिलेश पाल हालांकि पहले भी एक बार रालोद के टिकट पर उपचुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं। बाद में वह सपा में शामिल हो गई थीं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सपा से भाजपा में आ गई थीं। फिलहाल भाजपा में ही हैं।