गोंडा-कैसरगंज लोकसभा सीट पर वोटरों की बेरुखी क्यों? क्या कहते हैं जानकार
यूपी के गोंडा और कैसरगंज लोकसभा सीट पर वोटरों की बेरुखी देखने को मिली है। यहां मतदान प्रतिशत कम हो गया। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह जानकार क्या बताते हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए बीते सोमवार को गोंडा और कैसरगंज संसदीय सीट पर हुए मतदान में वोटरों की बेरुखी सामने आई है। दोनों लोकसभा क्षेत्रों के अधिकांश विधानसभा सीटों पर वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम वोट पड़े हैं। कटरा बाजार विधानसभा क्षेत्र में 2022 के मुकाबले करीब पांच प्रतिशत मतदान कम हुआ है। यही स्थिति कैसरगंज सीट से जुड़ी चार अन्य विधानसभा सीटों भी है। हालांकि इन सीटों पर करीब दो प्रतिशत मतदान कम होने की बात आंकड़ों को देखते हुए कही जा सकती है। हैरानी की बात यह है कि वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के मुकाबले भी कई सीटों पर मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है।
गोंडा लोकसभा सीट में जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ बलरामपुर जिले की उतरौला सीट भी शामिल हैं। उतरौला की अगर बात करें तो इस सीट पर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 46.17 प्रतिशत मतदान हुआ था। विधानसभा चुनाव 2022 में 45.07 फीसदी मत पड़े थे। वहीं, मेहनौन सीट पर बीते विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2.81 प्रतिशत कम मत पड़े हैं। इसी प्रकार गौरा में 3.58 , गोंडा सदर में 5.81 और मनकापुर में 1.76 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। वहीं, 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में देखें तो इस बार गौरा सीट पर 2.03 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। अन्य सीटों पर यह आंकड़ा कमोवेश एक प्रतिशत है।
इसी प्रकार कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में गोंडा जिले की तरबगंज, करनैलगंज और कटरा बाजार विधानसभा सीटों के साथ बहराइच जिले की कैसरगंज और पयागपुर सीट शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस निर्वाचन में करनैलगंज में 6.22 प्रतिशत मतदान घटा है। इसी प्रकार कटराबाजार में 4.76, तरबगंज में 2.89, पयागपुर में 1.74 तथा कैसरगंज विस क्षेत्र में 1.44 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। अगर वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के मुकाबले देखें तो पयागपुर सीट 4.23 तथा कैसरगंज में 3.08 प्रतिशत ज्यादा मत पड़े हैं। अन्य विधानसभा क्षेत्रों में यह अंतर बहुत ज्यादा नहीं है।
जानकार की राय
इस बार हुए लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में अपेक्षित बढ़ोतरी न होने के संबंध में जब एलबीएस पीजी कॉलेज के शोध केंद्र के निदेशक प्रो. शैलेंद्र नाथ मिश्र से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रशासन ने लोगों को बूथों तक लाने के लिए जल, थल और नभ तक प्रयास किए थे। वोटर टर्नआउट न होने की कई वजहों हो सकती हैं। इनमें भीषण गर्मी, तमाम वोटरों का रोजी-रोटी के सिलसिले में बाहर होना जैसे तमाम कारक हो सकते हैं। हालांकि प्रो. मिश्र ने कहा कि लोकतंत्र के लिए इसे बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। लोकतंत्र को सशक्त करने के लिए यह सबसे बड़ा हथियार है। इसको लेकर सियासी दलों और विचारकों को मंथन करने की जरूरत है।
गोंडा सीट पर बीते चुनावों में पड़े मतों का ब्योरा
विस लोस 2019 लोस 2024 विस 2022
उतरौला 46.17 45.34 45.07
मेहनौन 55.14 55.77 58.58
गौरा 54.24 52.21 55.79
मनकापुर 54.59 53.26 55.02
गोंडा सदर 51.79 51.73 57.54
कैसरगंज सीट पर बीते चुनावों में पड़े मतों का ब्योरा
विस लोस 2019 लोस 2024 विस 2022
करनैलगंज 52.93 52.62 58.64
कटरा बाजार 56.05 55.78 60.54
तरबगंज 55.29 54.57 57.46
पयागपुर 53.07 57.38 59.12
कैसरगंज 53.55 56.63 58.07
(नोट..आंकड़े चुनाव आयोग की वेबसाइट से लिए गए हैं)