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बोले मेरठ : एयरपोर्ट एंक्लेव को मिले सुविधाओं की ‘उड़ान

Meerut News - मेरठ के परतापुर हवाई अड्डे के पास एयरपोर्ट एन्कलेव सोसायटी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। लोग बिजली कनेक्शन, जर्जर सड़कों, सफाई व्यवस्था और सुरक्षा की कमी से परेशान हैं। पार्कों की स्थिति भी खराब...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठSat, 17 May 2025 06:31 AM
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बोले मेरठ : एयरपोर्ट एंक्लेव को मिले सुविधाओं की ‘उड़ान

मेरठ के परतापुर हवाई अड्डे के पास स्थित एयरपोर्ट एन्कलेव का नाम सुनते ही मन में एक विकसित और सुरक्षित कॉलोनी की छवि बनती है। लेकिन हकीकत इससे कहीं कोसों दूर है। कभी एमडीए की एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत बसाई गई इस कॉलोनी को एक मॉडल रिहायशी क्षेत्र के रूप में तैयार किया गया था। पर आज हालात यह हैं, कि यहां रहना लोगों के लिए किसी मजबूरी से कम नहीं है। बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे यहां के लोग अब समाधान की उड़ान चाहते हैं। मेरठ के परतापुर एयरपोर्ट के पास बसी एयरपोर्ट एन्कलेव सोसायटी लोगों का एक सपना है, एक ऐसा सपना जिसमें लोग सुकून और सुविधाओं के साथ जिंदगी बिता सकें।

यहां 480 चार मंजिला फ्लैट हैं और करीब 48 विला बनी हैं। 2018 में बनी इस सोसायटी में 500 से भी ज्यादा लोग निवास करते हैं। हिन्दुस्तान बोले मेरठ की टीम ने इस कॉलोनी की समस्याओं को जानने के लिए यहां रहने वाले लोगों से संवाद किया। एयरपोर्ट एन्कलेव सोसायटी में बड़ा सा गेट लगा है, जहां दाखिल होते ही तीन से चार मंजिला फ्लैट नजर आते हैं और आगे बढ़ते हैं तो टूटी फूटी सड़कें दिखती हैं। वहीं परिसर में एंट्री गेट के एक तरफ जंगल की तरह झाड़-झूंड नजर आते हैं। अंदर प्रवेश के बाद सोसायटी के लोगों से बातचीत की तो उनका दर्द सामने आया। बिजली कनेक्शन की जद्दोजहद एयरपोर्ट सोसायटी में रहने वाले पवन कुमार, अरविंद शर्मा, सुनील कौशिक, रोहन मिश्रा और सरस्वती देवी का कहना है कि यहां फ्लैट तो ले लिए लेकिन समस्याओं का अंबार है। जो मकान लेता है उसे सबसे पहले बिजली कनेक्शन चाहिए होता है और इसके लिए ही लोगों को जूझना पड़ता है। यहां पूरी सोसायटी में बिजली अंडरग्राउंड है, कनेक्शन के लिए अगर बिजली विभाग फोन किया जाए तो वह कहता है कि इसका जिम्मा एमडीए का है और एमडीए में फोन करते हैं तो वह बिजली विभाग पर टाल देते हैं। ऐसे में लोगों को एक-एक महीने तक बिजली कनेक्शन नहीं मिलता। यहां रहने वाले पवन कुमार का कहना है, कि मैंने बिजली लाइन को लेकर शिकायत की है, जिसका ये ही नहीं पता, कि वह कहां से आ रही है और किधर को जा रही है। सड़कें जर्जर, चलना हुआ मुश्किल एयरपोर्ट एन्कलेव में रहने वाले प्रताप मिश्रा, धर्मेंद्र जोशी, मनोज रस्तोगी, उत्कर्ष रस्तोगी, नीलम भटनागर यहां की सड़कों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहती हैं कि ये सड़कें तभी बनीं थीं जब कॉलोनी खड़ी की गई थी। इसके बाद से आजतक यहां कोई देखने वाला नहीं आया। सड़कें जगह-जगह से उखड़ चुकी हैं, बजरियों पर लोग गिरकर चोटिल हो जाते हैं। हालात ये हैं कि बच्चे और बुजुर्गों का सड़कों पर चलना मुश्किल होता है। एमडीए इस ओर ध्यान दे तो कॉलोनी का कुछ उद्धार ही हो जाए। मान लेते हैं, कि यहां मौजूद फ्लैट को जैसे हैं जहां हैं के आधार बेचा जा रहा है, लेकिन उन लोगों की समस्याओं का कुछ तो समाधान हो जो यहां रहते हैं। रोज दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, पैदल चलना भी मुश्किल होता है। सफाई व्यवस्था राम भरोसे सुरेश चंद्रा, अजीत कुमार, राजीव रस्तोगी और दीपक कुमार कॉलोनी की गंदगी की तरफ ध्यान दिलाते हैं, कहते हैं यहां सफाई व्यवस्था एकदम खराब है। कोई कूड़ा लेने नहीं आता और जहां गंदगी पड़ी है उसको उठाया नहीं जाता है। यहां ये भी समस्या है कि अगर गंदगी पूरी बिल्डिंग में है और सफाई के लिए एमडीए में फोन किया जाए तो केवल शिकायतकर्ता के यहां सफाई होगी, बाकी को छोड़ दिया जाता है। कॉलोनी में जिधर निकल जाओ वहां गंदगी नजर आ जाएगी। फ्लैट के आसपास झाड़-झूंड उग आए हैं, एमडीए उनको साफ करने की कोशिश भी नहीं करता है। पार्क हैं, लेकिन खेलने लायक नहीं कॉलोनी के लोग आकाश सिंह, पूजा शर्मा और संजना का कहना है कि सोसायटी में जो पार्क बनाए गए हैं, वो अब कूड़ा-कचरा और झाड़ियों का अड्डा बन चुके हैं। ना तो बच्चे इन पार्कों में खेल सकते हैं, ना ही बुजुर्ग टहल सकते हैं। पार्कों में डर का आलम ये है, कि झाड़ियों में सांप और कीड़े निकलने लगे हैं। इन पार्कों को कोई देखने वाला नहीं है, कॉलोनी के लोग शिकायत करते हैं तो कोई समाधान नहीं होता है। पार्कों के आसपास इतनी गंदगी है कि यहां से निकलना भी मुश्किल होता है, इनकी साफ सफाई हो तो बच्चे। मंदिर की जगह पर गंदगी का अंबार सोसायटी के लोगों का कहना है कि जिस जगह एमडीए द्वारा मंदिर बनना था, वहां अब गंदगी का ढेर लगा रहता है। देखा जाए तो आस्था की जगह अपमानित हो रही है। लोगों के लिए आजतक मंदिर नहीं बनाया गया है, ऐसे में लोगों को पूजा के लिए दूर मंदिर में जाना पड़ता है। आसपास पूजा करने की कोई व्यवस्था नहीं है। मंदिर की जगह कूड़े और बदबू का बसेरा है। यह सिर्फ धार्मिक आस्था पर चोट नहीं, बल्कि प्रशासनिक संवेदनहीनता भी साफ दिखती है। सुरक्षा की अनदेखी, डर के साए में जिंदगी लोगों का कहना है कि एन्कलेव की सबसे बड़ी समस्या यहां की सुरक्षा व्यवस्था नहीं होना है। कॉलोनी खुली हुई है, गेट पर कोई रोक-टोक नहीं है, कोई भी अंदर आ सकता है, कोई भी बाहर जा सकता है। असामाजिक तत्वों की आवाजाही आम बात है, जिससे महिलाएं और बच्चे डरे रहते हैं। एक सुरक्षित वातावरण की चाह रखने वाले यहां के लोग अब खुद को असहाय महसूस करते हैं। लोग कहते हैं कि कई फ्लैट अय्याशी के अड्डे बने हुए हैं। यहां आए दिन फ्लैटों में चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। टंकी से लेकर टॉयलेट शीट तक चोरी हो चुकी हैं। एयरपोर्ट के पास होने के बावजूद इसकी सुरक्षा नाम मात्र को भी नहीं है। जबकि यहां सुरक्षा की व्यवस्था ज्यादा होनी चाहिए थी। फ्लैट की दीवारें खस्ताहाल सोसायटी के लोगों का कहना है कि जब से ये फ्लैट बने हैं इनकी देखरेख कोई करने वाला नहीं है। फ्लैट्स की हालत भी खस्ताहाल हो चुकी है। जिनकी दीवारों का सीमेंट उतरने लगा है। जिन फ्लैट में लोग रहते हैं, वे ही उसकी मरम्मत कराते हैं, बाकी बिल्डिंग की देखरेख कोई नहीं करता। एमडीए ने इसको बनाकर खड़ा कर दिया, लेकिन इसकी मरम्मत, रंगाई, पुताई की व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं है। इस ओर भी ध्यान दिया जाए तो कॉलोनी बेहतर हो सकती है। हादसों को दावत देते खंभों से बाहर निकले तार एयरपोर्ट एन्कलेव के अंदर लगे खंभों पर स्ट्रीट लाइटें जलती ही नहीं है। रात में अंधेरा बरपा रहता है, जबकि एयरपोर्ट एन्कलेव सिर्फ एक कॉलोनी नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों की उम्मीद है। यहां रह रहे लोग हर दिन एक बेहतर जीवन की आस लेकर जागते हैं, लेकिन विभाग की बेरुखी और अनदेखी उन्हें निराश करती है। खंभों पर लगी स्ट्रीट लाइटें जलती नहीं हैं, लेकिन उनके वायर बाहर निकले हुए हैं, जिनमें करंट रहता है। बारिश के मौसम में खंभों के साथ बारिश के पानी में भी करंट उतरने का खतरा रहता है। वहीं विद्युत पैनल खुले पड़े हैं, साथ ही नंगे तारों के कारण किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है, इसका निवारण होना चाहिए। सीवर चोक, घरों में आता है गंदा पानी एयरपोर्ट एन्कलेव के लोगों का कहना है कि कॉलोनी में सभी सीवर चोक हैं। पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं है, अभी लोगों की संख्या कम है, तो काम चल रहा है, लेकिन जैसे ही कॉलोनी में संख्या बढ़ेगी तो पानी की खपत भी बढ़ेगी और सीवर ओवरफ्लो होने लग जाएंगे। अब भी उन जगहों पर सीवर ओवरफ्लो हो जाते हैं जहां फ्लैट में ज्यादा लोग रहते हैं। इनकी सफाई का कोई इंतजाम नहीं है। वहीं कॉलोनी में पीने के पानी की समस्या भी बहुत बड़ी है। लोगों के घरों में आने वाला पानी गंदा आता है, काफी देर चलाने के बाद ठीक होता है। कोई यह भी देखने वाला नहीं है कि पानी का पाइप फटा है या किसी और कारण से गंदा पानी घरों में पहुंच रहा है। समस्या - कॉलोनी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है - जल, सीवर और विद्युत सेवाओं की व्यवस्था खराब है - सुरक्षा के लिए गेट पर कोई व्यवस्था नहीं है - पार्कों और सार्वजनिक स्थलों गंदगी का अंबार रहता है - खंभों पर स्ट्रीट लाइटें नहीं जलतीं, ज्यादात्तर खराब हैं। सुझाव - कॉलोनी वासियों की सुविधाओं के लिए विभाग ठोस कदम उठाए - जल, सीवर और विद्युत सेवाओं को प्राथमिकता दी जाए - सुरक्षा के लिए गेट सीसीटीवी और गार्ड की व्यवस्था हो - पार्कों, सार्वजनिक स्थलों की सफाई और देखरेख की जाए - खंभों पर स्ट्रीट लाइटें ठीक हों और वायरिंग सही की जाए बयां किया दर्द पूरी कॉलोनी में बहुत ज्यादा गंदगी रहती है, यहां कोई सफाई करने नहीं आता है, फ्लैटों में भी झाड़-झूंड उग गए हैं। - सरस्वती देवी यहां लोगों ने फ्लैट तो खरीद लिए, लेकिन उनको बिजली कनेक्शन लेने में बहुत दिक्कत होती है, इसका समाधान जरूरी है। - पवन कुमार पूरी कॉलोनी में सड़कें जर्जर हो चुकी हैं, लंबे समय से इनको कोई देखने नहीं आया, चलने लायक भी सड़कें नहीं बची हैं। - अरविंद शर्मा कॉलोनी में बिजली अंडर ग्राउंड है, लेकिन ये पता नहीं कि केबल कहां हैं, यहां अंडरग्राउंड ज्यादातर केबल खराब पड़े हुए हैं। - सुनील कौशिक स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, कभी जलती नहीं हैं, वहीं इनके तार जर्जर हो चुके हैं और बाहर निकले हुए, जिनमें करंट आता रहता है। - रोहन मिश्रा ये एमडीए की महत्वकांक्षी योजना थी, लेकिन इसके हालात दयनीय हो चुके हैं, इसकी देखरेख करने वाला अब कोई नहीं है। - प्रताप मिश्रा खंभों के पास बिजली के तार निकले पड़े हैं और पैनल खुले पड़े हैं, जिनमें करंट के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। - धर्मेंद्र जोशी नए फ्लैट्स की हालत भी खस्ता हो चुकी है। सीमेंट झड़ने लगा है, दीवारों में सीलन आ चुकी है, एमडीए इस ओर भी ध्यान दे। - मनोज रस्तोगी एन्कलेव की बड़ी समस्या सुरक्षा की कमी है, यहां कॉलोनी का गेट खुला रहता है, कोई भी अंदर आ जाता है, रोकटोक नहीं है। - उत्कर्ष रस्तोगी जिस जगह मंदिर बनना था, वहां गंदगी का ढेर रहता है, आस्था की जगह अपमानित हो रही है, पूजा के लिए मंदिर निर्माण हो। - नीलम भटनागर सोसायटी में जो पार्क बनाए गए हैं, वो अब कूड़ाघर और झाड़ियों का अड्डा बन चुके हैं, ना तो बच्चे, ना ही बुजुर्ग बैठ सकते हैं। - सुरेश चंद्रा कॉलोनी में सुरक्षा की व्यवस्था होनी जरूरी है, एक तो यहां पास में एयरपोर्ट है, ऊपर से यह एमडीए की महत्वकांक्षी योजना है। - अजीत कुमार यहां सफाई की व्यवस्था एकदम खराब है, कोई कूड़ा लेने नहीं आता है और जहां गंदगी पड़ी है उसको उठाने की व्यवस्था नहीं है। - राजीव रस्तोगी यहां जो मकान लेता है, उसे सबसे पहले बिजली कनेक्शन चाहिए होता है और इसके लिए ही लोगों को जूझना पड़ता है। - दीपक कुमार असामाजिक तत्वों की आवाजाही काफी बढ़ गई है, जिससे महिलाएं और बच्चे डरे रहते हैं, सुरक्षा की व्यवस्था कड़ी की जाए। - आकाश सिंह खंभों के पास नंगे तार निकले हुए हैं, बरसात में खंभों में और आसपास करंट आ जाता है, जिससे हादसे का डर बना रहता है। - पूजा शर्मा पूरी सोसायटी का ही रिनोवेशन होना चाहिए, फ्लैट में पेड़ उग आए हैं, पार्कों में गंदगी है, सड़के टूटी पड़ी हैं, सुधार होना जरूरी है। - संजना शर्मा

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