दोनों दलों के बीच सीटों की संख्या में भी बड़ा अंतर रहा। भाजपा ने कांग्रेस के मुकाबले 4 गुना ज्यादा सीटें हासिल करते हुए महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में सरकार बना ली। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में भी कमल खिलाया। यहां तो उसने बंपर जीत हासिल करते हुए अपने दम पर बहुमत पाया और 46 सीटें जीत लीं।
चुनाव आयोग ने भारत में हुए चुनावों को लेकर दुनिया का सबसे बड़ा चुनावी डेटासेट जारी किया है। आयोग ने कहा कि ये रिपोर्ट दुनिया भर के शोधकर्ताओं और चुनाव पर्यवेक्षकों के लिए खजाने से कम नहीं है।
केंद्र और राज्य में बीजेपी की सहयोगी टीडीपी ने लोकसभा में कहा कि अगर जनसंख्या आधारित परिसीमन करवाया जाता है तो इससे दक्षिणी राज्यों को नुकसान होगा।
प्रियंका के पारंपरिक परिधान के पीछे बहुत गहरा अर्थ छिपा है क्योंकि कासुवा साड़ी सिर्फ एक पहनावा नहीं बल्कि केरल की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। शपथ के दौरान इसे पहनने का फैसला वायनाड के लोगों के प्रति सम्मान के तौर पर भी देखा जा रहा है।
Priyanka Gandhi in Lok Sabha: फिलहाल संसद में गांधी-नेहरू परिवार के तीन सदस्य हैं। प्रियंका के भाई राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं तथा उनकी मां सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा की सदस्य हैं।
पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि यह एक परंपरा सी बन गई है कि खर्च के 10 गुना तक बिल प्रस्तुत किया जा रहा है। इस पर अंकुश लगाना जरूरी है। इसबार तो नाश्ता-खाना और पानी की व्यवस्था करने वाली एजेंसियों ने भी मनमाने तरीके से बिल प्रस्तुत किया है।
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन 'पीडीए' लोकसभा चुनाव की तरह एकजुट रहेगा और बंटने वाला नहीं है।
सरकार ने अगले साल जनगणना करवाने का ऐलान कर दिया है। वहीं रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि जनगणना के तुरंत बाद परिसीमन की भी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही भाजपा में आए थे और उन्हें राज्यसभा भेजा गया था। नांदेड़ को उनका गढ़ माना जाता है। यहां उनके अपने निजी प्रभाव और पार्टी के बड़े वोटबैंक के जरिए भाजपा को जीत की उम्मीद है।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पैसे की कमी का रोना रो रही थी। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस ने जमकर खर्च किया। लोकसभा और साथ में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 585 करोड़ से ज्यादा खर्च कर दिए।
लोकसभा में समाजवादी पार्टी को दो सामने की सीटें मिल सकती हैं। इसके अलावा कांग्रेस को चार और डीएमके को एक सीट मिलने की उम्मीद है। अभी लोकसभा में स्थायी सीटों का आवंटन नहीं किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मुझे लगता है कि लोकसभा चुनाव भारत की जीत थी। भाजपा ने सरकार में वापसी की और मुझे 100 फीसदी भरोसा है कि आगामी चार राज्यों के चुनावों में हमें अच्छा बहुमत मिलेगा। लोगों ने भाजपा में फिर भरोसा दिखाया है कि यह सक्षम है, इसका रिकॉर्ड अच्छा और यह इस देश का भविष्य बदल सकती है।
मैनपुरी के करहल के ग्राम नगला टांक में पहुंचीं सांसद डिंपल यादव केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर बरसीं। कहा कि यूपी के परिणामों से भाजपा सरकार बौखला गई है। उपचुनाव में भी भाजपा हारेगी।
अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति इरानी ने लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर बात की है। उन्होंने कहा कि अमेठी की हार का शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर विश्लेषण हो चुका है। क्या बात हुई। यह यहां नहीं बताया जा सकता। स्मृति ने कहा कि मैंने तो अमेठी में अपनी उपलब्धता रखी, जो नहीं होता था।
जम्मू-कश्मीर में कई पूर्व आतंकी और अलगाववादी भी चुनावी समर में उतरने जा रहे हैं। इन लोगों ने सोमवार को एकजुट होकर एक नई पार्टी तहरीक-ए-अवाम के गठन का ऐलान किया। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी शुरुआत 18 सितंबर से हो रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस के 99 सांसदों को अयोग्य घोषित करने और पार्टी का पंजीकरण रद्द करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज किया और याची को...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भारत में भी अस्थिरता फैलाने की सुगबुगाहट थी। जैसा राजनीतिक अस्थिरता का दृश्य श्रीलंका व बांग्लादेश में दिखा वैसा ही भारतीय राजनीति में छह माह पहले से देखने को मिल रही थी।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के इशारे पर अधिकारियों ने बेईमानी नहीं की होती तो उत्तर प्रदेश में सपा और इण्डिया गठबन्धन 50 से ज्यादा सीटें जीतता।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खटाखट खटाखट वाले वादे को लेकर कांग्रेस के सभी 99 सांसदों को अयोग्य घोषित करने, पार्टी का पंजीकरण रद्द करने और चुनाव चिह्न जब्त करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है।
जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने वक्फ बिल पर कहा कि यहां गलत तर्क दिए जा रहे हैं। यहां मंदिर, गुरुद्वारे का उदाहरण दिया जा रहा है। आप समझ नहीं रहे हैं। मंदिर और गुरुद्वारे धार्मिक स्थल हैं। लेकिन वक्फ बोर्ड एक संस्था है। ये धार्मिक स्थल नहीं है।
चुनाव आयोग ने एक्स पर बयान जारी करते हुए कहा कि मानव जाति के इतिहास में अब तक हुए सबसे बड़े चुनाव को बदनाम करने के लिए एक झूठा अभियान चलाया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद से ही भाजपा में मंथन का दौर जारी है। उम्मीद से कमजोर रिजल्ट को लेकर भाजपा नेताओं का कहना है कि इसकी 7 वजहें हैं। इनमें से एक विदेशी हाथ होना भी है।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 परिणामों की समीक्षा के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में ऐसे पांच नेताओं के नाम हाईकमान को भेजे हैं, जिन्होंने चुनाव में पार्टी प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा के खिलाफ काम किया।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार और सीटिंग सांसद प्रतापराव गोविंदराव चिखलीकर करीब 60 हजार मतों के अंतर से कांग्रेस के बसंतराव चव्हाण से चुनाव हार गए।
करनाल से पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर और फरीदाबाद से केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर चुनाव जीते हैं। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की ओर से चुनाव के दौरान गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी।
भाजपा उत्तर प्रदेश जैसे राज्य से 29 सीटें कम मिलने की पूरे देश में चर्चा है। अब पार्टी भी इस पर मंथन में जुटी है और पूरा फीडबैक लेने के बाद कुछ ऐक्शन हो सकता है। इसके लिए टास्क फोर्स भी बनी है।
भाजपा नेतृत्व ने यूपी में हार की समीक्षा के लिए 80 पदाधिकारियों की 40 टीमें बनाई है। हर टीम के जिम्मे दो लोकसभा सीटें हैं। यह लोग विस्तृत रिपोर्ट अगले दस दिन में तैयार कर 25 तक नेतृत्व को सौपेंगे।
यूपी में भाजपा की हार पर मंथन शुरू हो गया है। अवध क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशियों ने प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री को हार के कारण गिनाए हैं। भीतरघात के साथ ही जातियों के छिटकने को कारण माना गया है।
आरएसएस ने अजित पवार की आलोचना की है और गठबंधन पर टारगेट किया है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के नतीजों में भी उसे झटका लगा है। इन हालातों में एनसीपी के अजित पवार गुट के लिए बने रह पाना मुश्किल हो गया है।
बिहार के लोकसभा चुनाव के नतीजे एनडीए और इंडिया गठबंधन के लिए अप्रत्याशित रहे। 35 सीट पर जीत देख रहे एनडीए को 30 से संतोष करना पड़ा वहीं 20-25 सीट खोज रहे महागठबंधन को 9 पर ही रुकना पड़ा।