महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर खास व्यवस्था, नोट कर लें क्या-क्या करना पड़ सकता है
महाकुंभ में अब सबसे बड़ा स्नान बुधवार को माघी पूर्णिमा पर होने जा रहा है। इसके लिए व्यवस्थाएं बनाने में प्रशासन लगा हुआ है। मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। डायवर्जन प्लान भी तैयार रखा गया है। हर मार्ग पर पार्किंग बनाई गई है। वहां से पैदल ही आना होगा।
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महाकुंभ में अब असली चुनौती माघी पूर्णिमा स्नान पर उमड़ने वाला आस्था का सैलाब संभालना है। इसकी तैयारियां प्रशासन ने कर ली है। दो दिनों से इसका ट्रायल भी बीच बीच में किया गया है। प्रशासनिक अफसरों ने एक दिन पहले मंगलवार को स्नान की सभी तैयारियों को परखा भी है। जगह-जगह पार्किंग बनाई गई है। वहां से पैदल ही स्नान के लिे आना होगा। माना जा रहा है कि करीब 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालु माघी पूर्णिमा पर स्नान करेंगे। 12 किलोमीटर लंबे घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान का प्रबंध किया गया है।
माघी पूर्णिमा पर स्नान पर्व पर अपार भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही यातायात डायवर्जन का भी रूट तैयार किया गया है। नया आदेश सोमवार की रात आठ बजे से ही लागू हो गया है। आगामी 13 फरवरी की सुबह आठ बजे तक अथवा भीड़ समाप्ति तक महाकुम्भ मेला क्षेत्र में सिर्फ प्रशासनिक व चिकित्सीय वाहनों के अतिरिक्त सभी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। स्नान पर्व के दिन अक्षयवट का दर्शन भी बंद रहेगा।
महाकुम्भ आने वाले वाहनों के लिए सभी मार्गों पर कुल 36 पार्किंग स्थल निर्धारित किए गए हैं। इन पार्किंग स्थलों पर श्रद्धालु अपने वाहन को खड़ी कर पैदल संगम स्नान के लिए रवाना होंगे। संगम आने वाले श्रद्धालु जीटी जवाहर से प्रवेश कर काली सड़क से काली रैम्प से होते हुए संगम अपर मार्ग से संगम तक पहुंचेंगे। वहीं वापसी के लिए पैदल संगम क्षेत्र से अक्षयवट मार्ग होते हुए इंटर लाकिंग का इस्तेमाल कर त्रिवेणी मार्ग होते हुए अपने गंतव्य को वापस जाएंगे। पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व सुगम यातायात के लिए अलर्ट किया गया है। सभी अधिकारियों व जवानों को पूरी तरह मुस्तैद रहने का निर्देश दिया गया है।
माघ पूर्णिमा का स्नान बुधवार को भोर से ही शुरू हो जाएगा। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद मेला क्षेत्र में ठहरे लगभग 10 लाख कल्पवासी प्रयागराज से रवाना होंगे। बुधवार होने के कारण यह प्रस्थान का शुभ दिन भी माना जाता है। ऐसे में मेले का एक बड़ा हिस्सा खाली हो जाएगा। एक दिन पहले अफसरों ने अलग-अलग जगह जाकर तैयारियों को देखा। पुलिस आयुक्त तरुण गाबा के साथ मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने शहर से निकलने वाले मार्गों का निरीक्षण किया।
अफसरों ने उन स्थानों को चिह्नित किया जहां पर जाम की आंशका है। साथ ही मौजूद टीम को निर्देश दिए कि यहां पर भीड़ का दबाव बढ़ने के बाद कैसे स्थिति को नियंत्रित करना होगा। वहीं मेला क्षेत्र में डीएम महाकुम्भ ने अफसरों को निर्देश दिया कि वसंत पंचमी जैसा प्लान रखा जाएगा। एकल मार्ग का शत प्रतिशत पालन किया जाएगा।
कहां-कहां पार्किंग
अयोध्या-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले वाहन
अयोध्या-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनों को शिव बाबा पार्किंग में खड़ी करने के बाद संगम लोवर मार्ग से पैदल होते हुए मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।
कानपुर-कौशाम्बी की तरफ से आने वाले वाहन यहां पार्क किए जाएंगे
कानपुर-कौशाम्बी की तरफ से आने वाले वाहनों को काली एक्सटेंशन प्लाट नंबर 17 पार्किंग, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज मैदान व दधिकांदो मैदान पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ी कर पैदल जीटी जवाहर चौराहा होते हुए काली मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।
जौनपुर की तरफ से आने वाले वाहन
जौनपुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन चीनी मिल पार्किंग, पूरे सूरदास पार्किंग गारापुर रोड,समयामाई मंदिर कछार पार्किंग व बदरा सौनौटी रहीमापुर मार्ग उत्तरी/दक्षिणी पार्किंग में खड़ी कर पैदल ओल्ड जीटी मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।
मिर्जापुर की तरफ से आने वाले वाहन
मिर्जापुर की तरफ से आने वाले वाहन देवरख उपरहार पार्किंग उत्तरी/दक्षिणी, टेंट सिटी पार्किंग मदनुआ/मवईया/देवरख, ओमेंक्स सिटी पार्किंग व गजिया पार्किंग उत्तरी/दक्षिणी में खड़ी कर पैदल अरैल बांध रोड से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।
रीवा-बांदा-चित्रकूट की तरफ से आने वाले वाहन
रीवा-बांदा-चित्रकूट से आने वाले वाहन को नवप्रयागम पार्किंग पूर्वी/पश्चिमी/विस्तार, एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट पार्किंग यमुना पट्टी, महेवा पूरब/पश्चिम पार्किंग और मीरखपुर कछार में वाहन खड़ी कर पैदल आएंगे।
वाराणसी की तरफ से आने वाले वाहन
वाराणसी की तरफ से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन महुआ बाग थाना झूसी पार्किंग (अखाड़ा पार्किंग), सरस्वती पार्किंग झूंसी रेलवे स्टेशन, नागेश्वर मंदिर पार्किंग, ज्ञान गंगा घाट छतनाग पार्किंग व शिव मंदिर उस्तापुर महमूदाबाद पार्किंग में खड़ी कर पैदल छतनाग मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।
लखनऊ-कुंडा की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए व्यवस्था
लखनऊ-कुंडा की तरफ से आने वाले वाहनों को गंगेश्वर महादेव कछार पार्किंग, नागवासुकी पार्किंग, बक्शी बाँध कछार पार्किंग, बड़ा बागड़ा पार्किंग व आईईआरटी पार्किंग उत्तरी/दक्षिणी पार्किंग में खड़ी करने के बाद श्रद्धालु पैदल नवास की मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।
26 तक महाकुंभ, लेकिन व्यवस्थाएं रहेंगी बहाल
महाकुम्भ नगर। सभी 13 अखाड़े संगम क्षेत्र से जा चुके हैं। बुधवार को कल्पवासी भी यहां से चले जाएंगे। लेकिन सरकारी तौर पर मेला 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक रहेगा। यानी सरकारी टेंट और सभी व्यवस्थाएं 26 फरवरी तक रहेंगी। इसके बाद 15 दिन के भीतर अस्थाई सेवाओं को वापस हटा लिया जाएगा। लेकिन कुछ मूलभूत सुविधाओं को अभी बहाल रखा जाएगा। हालांकि प्रयागराज मेला प्राधिकरण के गठन के बाद से ही यह नियम बन गया है, लेकिन इस बार श्रद्धालुओं के लगातार आने के कारण माना जा रहा है कि सुविधाओं को बहाल रखा जाएगा। इसमें संगम तक जाने वाली चकर्ड प्लेट, मोबाइल टायलेट, चेंजिंग रूम, पेयजल का प्रबंध आदि शामिल है।