Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Bulldozers were run on many houses in Prayagraj claiming them to be Atiq Ahmed s Supreme Court became very strict

अतीक अहमद का बताकर प्रयागराज में कई घरों पर चला दिया बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट हुआ बेहद सख्त

यूपी में बिना कानूनी प्रक्रिया का पालन किए ही लोगों का घर गिराने के एक और मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की जमीन बताकर कई घरोंं को गिराने पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की खिंंचाई की है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानFri, 7 March 2025 02:48 PM
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अतीक अहमद का बताकर प्रयागराज में कई घरों पर चला दिया बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट हुआ बेहद सख्त

माफिया अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति बताकर प्रयागराज में कई लोगों को घरों पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया था। बिना कानूनी प्रक्रिया का पालन किए ही इन घरों को तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। वकील और प्रोफेसर सहित कई अन्य लोगों के घरों में तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि किसी के घरों को इस तरह से तोड़फोड़ करना गलत संकेत देता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को तोड़े गए घरों का दोबारा निर्माण करना होगा। हालांकि इस बारे में पीठ ने आदेश नहीं दिया है।

जस्टिस अभय एस. ओका और एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि पहली नजर में यह चौंकाने वाला और गलत संकेत देता है। इतना ही नहीं पीठ ने कहा कि इसे ठीक करने की जरूरत है। पीठ ने प्रोफेसर अली अहमद, अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर, दो महिला और एक अन्य व्यक्ति की ओर से दाखिल याचिका कर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। अधिवक्ता रोहिणी दुआ के जरिए दाखिल याचिकाओं में इन लोगों ने कानून का पालन किए बिना प्रशासन द्वारा घरों में तोड़फोड़ का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ताओं के घर एक ही भूखंड पर थे।

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मामला दोबारा हाईकोर्ट नहीं जाएगा

एजी ने कहा कि मैं तोड़फोड़ का बचाव नहीं कर रहा, लेकिन हाईकोर्ट को इस पर विचार करने दें। शीर्ष अदालत ने उनके इस आग्रह को ठुकराते हुए कहा कि बिल्कुल नहीं। पीठ ने कहा कि मामला दोबारा से हाईकोर्ट नहीं जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तोड़फोड़ किए गए घरों का पुनर्निर्माण करना होगा। यदि हलफनामा दाखिल करके विरोध करना चाहते हैं तो ठीक है, अन्यथा दूसरा कम शर्मनाक तरीका यह होगा कि उन्हें निर्माण करने दिया जाए, फिर उन्हें नोटिस दिया जाए।

ऐसे तकनीकी आधारों से निपटना आता है: शीर्ष कोर्ट

यूपी सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि तोड़फोड़ से पहले याचिकाकर्ताओं की संपत्ति पर नोटिस संलग्न करने का वास्तव में एक आधार था। जस्टिस ओका ने कहा कि ह्यआप (यूपी सरकार) इतनी कठोर कार्रवाई कर रहे हैं और उनमें से एक वकील है और दूसरा प्रोफेसर। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि इस तरह के अति तकनीकी तर्कों से कैसे निपटना है। आखिरकार अनुच्छेद 21 और आश्रय का अधिकार जैसी कोई चीज है।

शाम को नोटिस सुबह तोड़फोड़

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए तोड़फोड़ के खिलाफ दाखिल याचिकाएं खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ताओं ने पीठ से कहा कि मार्च, 2021 में शनिवार रात को नोटिस दिए गए थे और अगले दिन रविवार को घरों को तोड़ दिया गया था।

गैंगस्टर अतीक की भूमि समझ की कार्रवाई

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिमन्यु भंडारी ने पीठ को बताया कि सरकार ने याचिकाकर्ताओं की भूमि को गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद की भूमि समझ लिया, जो 2023 में पुलिस कस्टडी में मारा गया था।

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