मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान लाठी-डंडे से पीटकर हुई थी आशु की हत्या, 11 साल बाद 10 आरोपी दोषमुक्त
- आशु की पत्नी इमराना ने 8 सितम्बर 2013 को एफआईआर दर्ज कराई थी। इमराना ने बताया था कि वह अपने पति आशु के साथ स्कूटर से फुगाना बस स्टैंड की ओर जा रही थी। दोनों चंद्रपाल के घर के सामने पहुंचे ही थे कि गुस्साई भीड़ ने उन्हें घेर लिया।
यूपी के मुजफ्फरनगर के फुगाना में 11 साल पहले 2013 में हुए दंगों के दौरान आशु नाम के एक शख्स की लाठी-डंडों से पीटकर हत्या कर दी गई थी। 11 साल बाद इस मामले के सभी 10 आरोपियों को अदालत ने सबूतों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। मामले की सुनवाई विशेष पॉक्सो एक्ट कोर्ट-2 में हुई।
आशु की पत्नी इमराना ने आठ सितम्बर 2013 को एफआईआर दर्ज कराई थी। इमराना ने बताया था कि वह अपने पति आशु के साथ स्कूटर से फुगाना बस स्टैंड की ओर जा रही थी। दोनों चंद्रपाल के घर के सामने पहुंचे ही थे कि गुस्साई भीड़ ने उन्हें घेर लिया। इमराना ने पुलिस को बताया कि भीड़ में शामिल गौरव, उसके पिता अमरपाल, रॉकी उर्फ डॉन, रतन, कपिल, सचिन, दिनेश, योगेश, अभिषेक, रूबी, मास्टर श्रीपाल और मनोज सहित अन्य लोगों ने आशु को लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से पीटना शुरू कर दी। उन्होंने आशु को मार डाला।
इस मामले की एसआईटी ने जांच की थी। जांच के बाद मास्टर श्रीपाल को क्लीन चिट देते हुए 11 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल की गई थी। छह महीने पहले एक आरोपी सचिन की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। जबकि अन्य 10 आरोपियों को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
बयान से पलट गई थी पत्नी
आशु हत्याकांड की सुनवाई के दौरान उसकी पत्नी इमराना और मां अदालत में अपने बयानों से पलट गई थीं। अदालत ने दोनों को पक्षद्रोही घोषित कर दिया था। घटना के बाद इमराना ने पुलिस को चार आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी थी लेकिन 25 दिन बाद तहरीर बदल दी। उसमें से योगेन्द्र और सुधीर के नाम निकलवा कर 10 अन्य आरोपियों के नाम जुड़वा दिए। कोर्ट में सुनवाई के दौरान इमराना ने नामजद आरोपियों के हत्याकांड में शामिल होने से इनकार करते हुए गवाही दी। आशु की मां भी अपने बयानों से पलट गई थीं।
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