झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स से छह दिन की एक बच्ची की चोरी कर ली गई है। घटना सोमवार की है। दरअसल, अस्पताल में ही मौजूद एक महिला पर बच्ची लेकर भागने का आरोप लगा है।
रांची के रिम्स में रविवार रात हॉस्टल नंबर चार की तीसरी मंजिल के गिरकर पीजी द्वितीय वर्ष के छात्र डॉक्टर आकाश भेंगरा की मौत हो गई। वहीं उनके साथ गिरी पल्लवी नामक युवती घायल है।
डॉक्टर आंकोलॉजी विभाग में ड्यूटी पर जा रही थी। ज्यों ही वह बिल्डिंग की लिफ्ट में चढ़ी, उसी समय आरोपी भी आ गया। लिफ्ट बंद होने के बाद वह डॉक्टर से छेड़खानी करने लगा। लिफ्ट रुकते ही वह शोर मचाने लगी।
सुरक्षा गार्डों ने विद्यार्थियों को घेर कर धमकी दी कि किसी को जाने नहीं देंगे और शटर बंद करने लगे। इतने में वो महिला गार्ड मौके से भाग गई और उसके सहकर्मी छात्रों के साथ हाथापाई पर उतर आए।
नीट पेपर लीक मामले में रिम्स की छात्रा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। अब रिम्स प्रबंधन ने इस पर प्रबंधन के स्तर से जांच करने के लिए डीन डॉ विद्यापति की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है।
न्यूरो सर्जरी के इस वार्ड में वेंटिलेटर और आईसीयू की सुविधा भी मरीजों को मिलेगी। यहां बेड मिलने से मरीजों को रिम्स के तीसरे तल्ले पर बरामदे में इलाज करान को मजबूर नहीं होना पड़ेगा।
एमएस ऑफिस के पास दो में से एक लिफ्ट खराब ही रहती है। मुख्य बिल्डिंग में अधिकतर समय लिफ्ट व्यस्त रहने से मरीजों को दूसरे, तीसरे या चौथे तल पर जाने के लिए इंतजार करना पड़ता है।
रिम्स में नेफ्रोप्लस की ओर से संचालित डायलिसिस केंद्र की शुरुआत 17 अक्तूबर को ही कर दी गई है। अब 31 से ओपीडी बेसिस पर मरीजों की डायलिसिस शुरू कर दी जाएगी।
रिम्स अस्पताल की इमरजेंसी के जूनियर डॉक्टर अब मरीजों को बाहर से दवा लाने को नहीं कहेंगे। किसी भी मरीज को बाहर से दवा लाने के लिए कहने वाले जूनियर डॉक्टरों पर प्रबंधन कार्रवाई करेगा।
RIMS Ranchi Recruitment : रिम्स में बढ़ते मरीजों की बोझ और सीमित मैनपावर होने के कारण कई बार मरीज को बेहतर उपचार नहीं मिल पाता है। चिकित्सकों की कमी को दूर करने की कवायद प्रबंधन ने शुरू कर दी है।
राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के ओपीडी में बुधवार को मरीजों की भीड़ लगी रही। रिम्स से मिले आंकड़े के मुताबिक बुधवार को 2403 मरीजों ने ओपीडी व इमरजेंसी में चिकित्सीय सलाह ली।
रिम्स में मारपीट की घटना के बाद सोमवार से हॉस्टल आवंटन शुरू कर दिया गया। 2019 बैच के बीडीएस छात्रों को हॉस्टल आवंटित किया गया। छात्रों से शपथ पत्र जमा कराने के बाद ही हॉस्टल में कमरे दिए गए।
मंत्री के पीत पत्र की चर्चा पहले भी होती रही है। ताजा मामला आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत निजी अस्पतालों द्वारा की जा रही धांधली से जुड़ा है। इसे लेकर हंगामा हो गया।
रिम्स के निदेशक बंगला में मंगलवार रात कुछ छात्र घुस गए थे। इस दौरान छात्रों ने जमकर हंगामा किया था। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए रिम्स प्रबंधन ने कुछ बैच के छात्रों से हॉस्टल खाली करने को कहा।
झारखंड के चतरा की रहने वाले एक दंपति को शादी के 7 साल बीतने के बाद भी कोई संतान नहीं थी लेकिन जब विवाहिता मां बनी तो ईश्वर ने जमकर रहमत लुटाई। चतरा की अनिता ने एक साथ 5 बच्चियों को जन्म दिया है।
निदेशक ने अपने दिशा-निर्देश में कहा है कि वर्षा के दौरान एवं उसके बाद वेक्टर जनित रोगों जैसे- मलेरिया, डेंगू, चिकेनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस के प्रसारण की आशंका बढ़ जाती है। रोकथाम जरूरी है।
दीपांशु निजी अस्पताल में पहुंच लोगों से पता करता रहा कि किसे किडनी की जरूरत है। कितने में बिकेगी। जानकारी मिली तो अस्पताल कर्मियों ने रिम्स के डाक्टरों को बताया। तत्काल डॉ विकास और उनके साथी पहुंचे।
झारखंड के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स रांची में बिना टेंडर कई सालों से ABG लैब चलाई जा रही है। जीबी की अनुमति बिना रिम्स में कंपनी को अस्पताल में जगह उपलब्ध करा दी गई है।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा था कि इस मामले की जांच के लिए वह रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाएगी या नहीं। इस पर सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया।
रिम्स में अब मरीजों को हर दिन अलग-अलग रंग की बेड शीट मिलेगी। इसके लिए जल्द बेडशीट और नए कंबल खरीदे जाएंगे। वहीं लॉन्ड्री के लिए जल्द नए सिरे से निविदा निकलेगी। इसकी प्रक्रिया शुरू है।
रिम्स में जांच के लिए किट नहीं है। जांच के लिए जरूरी कंज्यूमेबल (प्राइमर) की खरीदारी के लिए टेंडर निकाला गया है। मतलब जब तक इसकी खरीदारी नहीं होगी तब तक जांच नहीं हो सकेगी फ्लू से कैसे बचाव होगा।
रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा है कि रिम्स का प्रशासनिक ढांचा लंगड़ा, कमजोर व अक्षम है, जो प्रभावी प्रशासन के लिए अनुकूल नहीं है। वर्षों से अनुरोध के बावजूद पदों का सृजन नहीं हुआ।
झारखंड में आईएमए और झासा के तत्वाधान में बुलाए गए बंद का व्यापक असर दिखा। झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स सहित कई सरकारी एवं निजी अस्पतालों में ओपीडी तथा इमरजेंसी सेवाएं ठप रही।
आईएमए और झासा के आह्वान पर बुधवार को राज्यभर के सरकारी और निजी चिकित्सक कार्य बहिष्कार करेंगे। हालांकि अस्पतालों की इमरजेंसी में इलाज की सुविधा मिलती रहेगी। रिम्स में ओपीडी सेवा भी बहाल रहेगी।
राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के पारा मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी शुक्रवार को हॉस्टल और सुरक्षा की मांग को लेकर उग्र हो गए। पहले उन्होंने रिम्स निदेशक का घेराव किया, इसके बाद धरने पर बैठ गए।
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा है कि हड़ताल के दौरान 28 मरीजों की मौत के बाद क्या कार्रवाई की गई है। परिजनों को मुआवजा मिला या नहीं।
मिली जानकारी के मुताबिक बेड के नीचे फर्श पर कैदी मरीज को लिटाकर इलाज करने का यह मामला राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एवं अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग का है। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया है।
सोमवार को खेलगांव हॉस्टल परिसर में अंजली के परिजनों के साथ खिलाड़ी और अभिभावक लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए और मामले की जांच की मांग करने लगे। अंजली की मौत शनिवार को हुई थी।
सालाना करीब 400 करोड़ के बजट वाले रिम्स में मानवीय संवेदना पूरी तरह खत्म हो गई है। करीब पांच-छह महीने से रिम्स के शवगृह का कूलिंग कंपार्टमेंट फ्रीजर खराब है। फ्रीजर के खराब होने से 24 शव सड़ गए।
रिम्स का अर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट में एकमात्र चिकित्सक बचे हैं। यहां पीजी की छह सीटे हैं, जिसमें से चार पर खतरा है। पैथोलॉजी में अभी 18 सीटों पर दाखिला होता है। मार्च के बाद महज दो फैकल्टी रह जाएंगे।