एनआईए ने मोहम्मद अकबर डार नाम के शख्स की संपत्ति कुर्क कर ली है। डार पर आरोप है कि वह आतंकियों को पनाह देता था और उनको गोला बारूद भी मुहैया करवाता था।
मक्की की मौत की पुष्टि करते हुए जमात उद दावा ने बतान भी जारी किया है। आतंकी संगठन का कहना है कि मक्की बीते कुछ दिनों से बीमार था। उसका डायबिटीज बढ़ा हुआ था और उसे इलाज के लिए लाहौर के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। इसी दौरान उसे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से गिरफ्तार अंसार अल इस्लाम के आतंकी चिकन नेक पर निशाना साधना चाहते थे। पता चला कि उनकी पूर्वोत्तर के सात राज्यों को देश के बाकी हिस्से को जोड़ने वाले एकमात्र मार्ग को निशाना बनाने की विशेष योजना थी, जिसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर भी कहा जाता है।
यह कदम आतंकवाद विरोधी एजेंसी द्वारा पांच राज्यों में कई स्थानों पर तलाशी लेने और शेख सुल्तान सलाह उद्दीन अयूबी उर्फ अयूबी नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने के दो महीने बाद उठाया गया है।
भारत को धमकी देते हुए आतंकी मसूद अजहर ने कहा कि हम तुम सभी को इतनी शक्तिशाली बंदूकों के साथ कश्मीर भेजेंगे कि सभी टेलीविजन एंकर कांप उठेंगे और पूछेंगे कि ये हथियार कहां से आए हैं।
सुरक्षाबलों ने पुलवामा जिले में हिजबुृल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से गोला बारूद और कारतूस भी बरामद किए गए हैं।
आतंकियों ने दिवाली पर कश्मीर को दहलाने की साजिश की थी लेकिन खुफिया एजेंसियों और सुरक्षाबलों की सतर्कता से आतंकी खुद जाल में फंस गए। बांदीपुरा और श्रीनगर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है।
आतंकवादी घात लगाए रास्ते के दोनों तरफ बैठे थे और गाड़ी के वहां पहुंचते ही ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इससे गाड़ी में बैठे जवानों को बचने या फिर जवाबी ऐक्शन मौका ही नहीं मिल पाया। इसकी जानकारी जिस PAFF ने ली है, उसके बारे में बहुत लोग नहीं जानते हैं।
जम्मू-कश्मीर को 10 साल बाद चुनी हुई सरकार मिली है और उमर अब्दुल्ला अब मुख्यमंत्री बन गए हैं। इसके बाद भी केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी हमले थमने की बजाय और बढ़ गए हैं। बीते 15 दिनों में ही अलग-अलग आतंकी हमलों में अब तक 19 लोग मारे जा चुके हैं। 24 अक्टूबर को फिर से हुए हमले ने सवाल पैदा कर दिए हैं।
एक बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ, जिसमें पता चला कि 'बाबा हमास' नाम का एक लश्कर कमांडर इस काम में जुटा है। वह बड़े पैमाने पर कश्मीर घाटी के युवाओं को आतंकवाद से जोड़ रहा था और लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन तहरीक लबैक या-मुस्लिम घाटी में खड़ा करना चाहता था।