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कश्मीर में नई सरकार बनते ही क्यों बिगड़े हालात! 15 दिन में आतंकियों ने की 19 की टारगेट किलिंग

  • जम्मू-कश्मीर को 10 साल बाद चुनी हुई सरकार मिली है और उमर अब्दुल्ला अब मुख्यमंत्री बन गए हैं। इसके बाद भी केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी हमले थमने की बजाय और बढ़ गए हैं। बीते 15 दिनों में ही अलग-अलग आतंकी हमलों में अब तक 19 लोग मारे जा चुके हैं। 24 अक्टूबर को फिर से हुए हमले ने सवाल पैदा कर दिए हैं।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, श्रीनगरFri, 25 Oct 2024 11:39 AM
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जम्मू-कश्मीर को 10 साल बाद चुनी हुई सरकार मिली है और उमर अब्दुल्ला अब मुख्यमंत्री बन गए हैं। इसके बाद भी केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी हमले थमने की बजाय और बढ़ गए हैं। बीते 15 दिनों में ही अलग-अलग आतंकी हमलों में अब तक 19 लोग मारे जा चुके हैं। 24 अक्टूबर की शाम को कश्मीर के गुलमर्ग में फिर एक आतकी हमला हुआ, जिसमें दो आर्मी पोर्टर और दो जवान शहीद हो गए। यह हमला भी टूरिस्ट हॉटस्पॉट वाले इलाके में हुआ। यही नहीं यहां सेना की बड़ी संख्या में तैनाती रहती है। उसके बाद भी आतंकियों के सेना तक पहुंचने और उनको निशाना बनाने से सवाल उठ रहे हैं।

इससे पहले 20 अक्टूबर को गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक सुरंग के निर्माण की साइट पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में 6 बाहरी मजदूरों और एक स्थानीय डॉक्टर का कत्ल कर दिया गया। इन लोगों पर आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं और ज्यादातर लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इससे पूर्व 18 तारीख को भी शोपियां में बिहार के एक मजदूर का कत्ल कर दिया गया था। इन घटनाओं के बीच एलजी मनोज सिन्हा ने सुरक्षा बलों को सख्ती बरतने और पुलिस एवं सेना को साथ मिलकर अभियान चलाने का आदेश दिया है। फिर भी अब तक कोई नियंत्रण नहीं दिख रहा है।

बीती रात को सेना और आतंकियों के बीच छिड़े संघर्ष ने चिंताओं को और बढ़ा दिया है। बारामूला, पुंछ, शोपियां, गांदरबल और कश्मीर समेत ज्यादातर इलाकों में सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ गई है। फिलहाल ज्यादातर जगहों पर सुरक्षा बल सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं और कई जगहों पर कैंपिंग बढ़ा दी गई है। 9 अक्टूबर को भी एक लापता सैनिक का गोलियों से छलनी शव बरामद हुआ था। खबर थी कि सैनिक को अनंतनाग से आतकियों ने अगवा कर लिया है। अंत में उनका शव ही बरामद किया गया। जवान की पहचान हिलाल अहमद भट के तौर पर हुई है।

इस बीच गुरुवार को सीएम उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में राजनाथ सिंह और होम मिनिस्टर अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की मांग की। वहीं भाजपा के एक नेता ने साफ कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा तब तक नहीं मिल सकता, जब तक सुरक्षा के हालात सुधर नहीं जाते। उन्होंने उमर अब्दुल्ला सरकार के आते ही आतंकी वारदातों में इजाफे की ओर भी इशारा किया। माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में शांति पूर्ण चुनाव और सरकार गठन से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन बौखला गए हैं और वे लोगों पर हमले कर रहे हैं। इसी के चलते ऐसी स्थिति पैदा हुई है।

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