ईडी के डोजियर के मुताबिक पीएफआई ने दिल्ली दंगों और हाथरस में अशांति फैलाने में भूमिका निभाई थी। 2020 के बाद से इस संगठन के कई प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया गया।
ईडी, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और विभिन्न राज्य पुलिस बलों द्वारा इसके पदाधिकारियों और प्रतिष्ठानों के खिलाफ देशव्यापी छापेमारी के बाद सितंबर, 2022 में केंद्र ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के उस सदस्य को गिरफ्तार कर लिया जिसने केरल में प्राध्यापक के हाथ काटने के मामले में आरोपी को शरण दी...
नई दिल्ली प्रमुख संवाददातादिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की याचिका पर 11 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की है। याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आतंकवाद निरोधक कानूनों में भी 'जमानत नियम है और जेल अपवाद' का सिद्धांत लागू होता है। पीएफआई के कथित सदस्यों को मदद करने के आरोपी जलालुद्दीन खान को जमानत दी। एनआईए ने खान पर...
यूपी के रायबरेली के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले के तार केरल, कर्नाटक और महराष्ट्र से जुड़े हैं। जांच बढ़ रही है। अब इस मामले में एटीएस जल्द पीएफआई के सदस्यों की भूमिका की जांच भी करेगी।
आरएसएस नेता श्रीनिवासन की पल्ल्कड़ शहर में बेरहमी से हत्या के मामले में 26 में से 17 लोगों को जमानत मिल गई है। केरल हाईकोर्ट ने 2022 के इस मामले में PFI के 17 आरोपियों को सशर्त जमानत दी है।
Bombay High Court: केंद्र सरकार ने साल 2022 में पीएफआई को प्रतिबंधित कर दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपियों ने आपराधिक बल का इस्तेमाल करके सरकार को डराने की साजिश रची।
Popular Front of India (PFI) के कई सदस्यों औऱ नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। इसी दौरान जांच टीम ने अबूबकर को भी पकड़ा था। पीएफआई पर देश की अखंडता और एकता को तोड़ने का प्रयास करने का आरोप है।
रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ 19 अक्टूबर, 2023 के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की याचिका पर फैसला कर रही थी।
विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा, 'हम बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता का विरोध करते हैं। एसडीपीआई की ओर से यूडीएफ को दिए गए समर्थन को इन्हीं परिस्थितियों में देखा जा रहा है।'
एनआईए की टीम ने आरएसएस नेता श्रीनिवासन की हत्या के मामले में दो साल से फरार चल रहे पीएफआई नेता को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा एवं खुफिया शाखा की ओर से जारी पत्र में मंत्रालय की रिपोर्ट का ज्रिक किया गया है। PFI, जमात ए इस्लामी हिंद, जमीयत उलेमा ए हिंद जैसे संगठन लोगों को भड़का रहे हैं।
सोशल मीडिया पर जातीय घृणा से जुड़े वीडियो समय-समय पर वायरल करने की रणनीति बनाई जा रही थी। इस काम का बखूबी अंजाम देने के लिए एक्सपर्ट की टीम है। रिमांड पर लिए गए याकूब और बेलाल ने इसका खुलासा किया है।
स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA), नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) और मैतेई चरमपंथी संगठनों का नाम इस लिस्ट में शामिल हैं।
कन्हैया लाल साहू की तरह राजस्थान के एक और टेलर को जान से मारने की धमकी मिली है। पीएफआई द्वारा भेजे गए पत्र में उन्हें यह धमकी दी गई है। टेलर ने पुलिस स्टेशन में इसे लेकर जानकारी दी है।
राजस्थान के अलवर जिले में एक टेलर को कन्हैयालाल की तरह ही जान से मारने की धमकी मिली है। पीएफआई के नाम से सोहन लाल जाटव को धमकी मिली है। अलवर एसपी आनंद शर्मा ने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पीएफआई की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है जिसमें बैन हटाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा है कि पीएफआई को पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए।
पीएफआई के अलावा दो-तीन और कट्टरपंथी विचारधारा को पोषित करने वाले संगठन बनाए गए थे। इनमें वहादत-ए-इस्लामी हिंद और वहादत-ए-इस्लामी का नाम शामिल है। ।
फुलवारीशरीफ के बाद मोतिहारी और पटना समेत अन्य स्थानों पर इससे जुड़े कई छोटे ठिकाने बनाए थे। पीएफआई के अलावा दो-तीन ऐसे कट्टरपंथी विचारधारा को प्रचारित प्रसारित करने वाले संगठन बनाए थे।
पीएफआई नेटवर्क की तलाश में गोरखपुर में भी एनआईए का छापा पड़ा। बुधवार को यूपी के कई शहरों में एनआईए ने छापेमारी की। इस दौरान दस्तावेज खंगाले। एनआईए ने गोरखपुर से कोई गिरफ्तारी नहीं की।
NIA की टीम सुबह कानपुर पहुंची और दस्तावेजों के आधार पर एक डॉक्टर को परिवार समेत मूलगंज थाने ले आई। डॉक्टर को पीएफआई का सदस्य बताया जा रहा है लेकिन किसी को जानकारी नहीं दी जा रही है।
जेपी जयंती पर लखनऊ में सपा और प्रशासन आमने-सामने आ गए। उधर, पीएफआई पर एनआईए का एक्शन चल रहा है। यूपी में लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में PFI से जुड़े अन्य संगठनों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
देश भर समेत राजस्थान में एनआईए ने छापे मारे है। टोंक जिले के कोतवाली थाना इलाके के शागिर्द पेशा इलाके में रेड मारी है। शहर कोतवाल जितेंद्र सिंह चारण समेत भारी जाब्ता तैनात किया गया है।
प्रतिबंधित संगठन पीएफआई पर एनआईए का एक्शन चल रहा है। यूपी में लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में पीएफआई से जुड़े अन्य संगठनों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
इससे पहले कोल्लम जिले के कडक्कल शहर की पुलिस ने सेना के जवान की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था और मामले के तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की थी। सैनिक का नाम शाइन कुमार है।
मालूम हो कि पीएफआई से जुड़े लोगों को पर मनी लॉन्ड्रिंग और RSS नेताओं पर हमले की योजना बनाने समेत कई आरोप हैं। इस संगठन के पैसों के लेन-देन की जांच प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की जा रही है।
पिछले सितंबर में केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। सूत्रों ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन ने अपने भर्ती के पुराने तरीकों में कुछ बदलाव भी किए हैं। भर्ती करने की प्रक्रिया अब अलग है।
पूछताछ में रेयाज ने पुलिस को बताया है कि वह 2020 की शुरुआत में मेहसी के याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान के माध्यम से पीएफआई से जुड़ा था। जल्द ही वह पीएफआई का स्टेट प्रेसीडेंट बन गया।
रेयाज मरूफ चकिया थाना क्षेत्र के कुंअवा गांव का निवासी है। एनआईए की टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार गांव में छापेमारी कर चुकी है। मगर वह पुलिस एवं एनआईए की गिरफ्त से बाहर था।