पीएफआई : अफरोज पर चार्जशीट में संगठन के नेटवर्क व साजिश के साक्ष्य
मुजफ्फरपुर में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़े मो. अफरोज के खिलाफ विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। आरोप है कि वह देश विरोधी गतिविधियों में शामिल था और संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।...

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े मो. अफरोज के विरुद्ध विशेष कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में देश विरोधी नेटवर्क से जुड़े होने व साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। दो दिन पहले उसके विरुद्ध यह चार्जशीट डीएसपी पश्चिमी व आईओ सुचित्रा कुमारी ने दाखिल की। पूर्वी चंपारण जिले के मेहसी थाना के कसबा गांव निवासी अफरोज को संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई थी। उसे मेहसी यूनिट का कोषाध्यक्ष बनाया गया था। उसका काम संगठन से नए सदस्यों को जोड़ना था। इस यूनिट में लगभग 30 से 35 सदस्य शामिल थे। वह 2021 में फुलवारीशरीफ के अहमद पैलेस में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में भी शामिल था।
इस शिविर में हथियार चलाने व सोशल मीडिया का अपने पक्ष में प्रयोग करने की ट्रेनिंग दी गई थी। इसमें शिविर में संगठन से जुड़े 40 से 50 लोग शामिल हुए थे। पीएफआई के उपाध्यक्ष रेयाज मौरिफ के ऑडियो संदेशों को बेलाल व याकूब के साथ मिलकर सदस्यों तक पहुंचाता था। चकिया के गांधी मैदान में शारीरिक प्रशिक्षण शिविर में भी वह शामिल था। वर्ष 2022 में रेयाज मौरिफ व बेलाल के साथ वह पटना के आईएम हॉल में एनसीएचआरओ के कार्यक्रम में भी शामिल हुआ था। सितंबर-अक्टूबर 2022 में पीएफआई को प्रतिबंधित करने के बाद भी गोपनीय तरीके से वह इसकी गतिविधियों में सक्रिय रहा। रेयाज मौरिफ संगठन से युवकों को जोड़ने को लेकर रीहैब इंडियन फाउंडेशन के माध्यम से कार्यक्रम चलाता था। किसी को शक नहीं हो इसके लिए इसका छद्म नाम हेल्दी नेशन, हेल्दी पिपुल रखा था। 2047 इस्लामिक भारत शासन की ओर नामक दस्तावेज से प्रभावित था अफरोज : बेलाल व याकूब के माध्यम से वर्ष 2021 में पीएफआई से अफरोज जुड़ा था। बेलाल के घर पर बैठक में उसे 2047 इस्लामिक भारत शासन की ओर नामक दस्तावेज के संबंध में बताया गया। इससे वह काफी प्रभावित हुआ। इसके बाद वह पीएफआई की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगा। रमजान व अन्य त्योहारों पर वह चंदा वसूल कर गरीबों के बीच सामान बांटता था। सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से बेलाल व मो. कादिर अंसारी के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर धार्मिक अफवाह फैलाने का काम करता था। जनवरी-2023 में सोशल मीडिया पर विवादित व भड़काऊ टिप्पणी जारी की गई। गांव के एक युवक ने इसके विरोध में टिप्पणी की तो उसकी हत्या की साजिश रची गई। इसके लिए हथियार भी खरीदा गया था। हालांकि, उसकी हत्या नहीं कर सका।
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