मंत्री दिलीप जायसवाल ने बुधवार को पूरे बिहार के अंचल पदाधिकारियों के साथ दाखिल खारिज को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें उन्होंने जानबूझकर रैयतों के आवेदन नामंजूर करने वाले सीओ को कार्रवाई की चेतावनी दी।
जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के मामले अधिक संख्या में लंबित हैं या बड़ी संख्या में आवेदनों को रद्द किया गया है। ऐसे सभी अंचलों के जांच की जिम्मेदारी संबंधित डीसीएलआर (भूमि सुधार अपर समाहर्ता) को सौंपी गई है। इसकी रिपोर्ट राजस्व विभाग को भी भेजनी होगी।
बिहार में अब जमीन खरीदारों को म्यूटेशन (दाखिल खारिज) के पचड़े से मुक्ति मिल जाएगी। रजिस्ट्री के साथ ही खुद ब खुद म्यूटेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। इसके लिए अब जमीन मालिक को ऑनलाइन या ऑफलाइन...
बिहार में ऑनलाइन दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत करना राजस्व कर्मियों के लिए अब आसान नहीं होगा। सीओ को किसी आवेदन को अस्वीकृत करने से पहले वाजिब कारण बताना होगा। अगर किसी कागज की कमी है तो रैयत को...
बिहार में अब दाखिल खारिज (म्यूटेशन) करने में दोगुना वक्त लगेगा। अगर आवेदन सही है और कोई आपत्ति नहीं है तो पहले इस काम के लिए 18 दिन समय तय था, नई व्यवस्था लागू होते ही यह समय बढ़कर 35 दिन हो...