Hindi Newsबिहार न्यूज़COs who not approve mutation applications will face action Minister Dilip Jaiswal warns

दाखिल खारिज मंजूर नहीं किया तो अंचल पदाधिकारियों की खैर नहीं, मंत्री दिलीप जायसवाल की चेतावनी

मंत्री दिलीप जायसवाल ने बुधवार को पूरे बिहार के अंचल पदाधिकारियों के साथ दाखिल खारिज को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें उन्होंने जानबूझकर रैयतों के आवेदन नामंजूर करने वाले सीओ को कार्रवाई की चेतावनी दी।

Jayesh Jetawat पटना, हिन्दुस्तान टाइम्सWed, 25 Sep 2024 09:24 PM
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बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने दाखिल खारिज में लापरवाही बरतने वाले अंचल अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है। मंत्री ने कहा कि अगर पदाधिकारियों ने जानबूझकर रैयतों (जमीन मालिकों) के दाखिल खारिज के आवेदन को समय से मंजूर नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बुधवार को पटना में अंचल पदाधिकारियों (सीओ) के साथ दाखिल खारिज की समीक्षा बैठक की।

दिलीप जायसवाल ने बैठक में कहा कि लोगों के राजस्व विभाग की योजनाओं और खासकर म्यूटेशन के आवेदनों को जानबूझकर न लटकाए जाएं। ऐसा करने वाले पदाधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। लोगों को योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद करने की जरूरत है। उन्होंने रैयतों द्वारा के दाखिल खारिज के लंबित ऑनलाइन आवेदनों पर नाराजगी जाहिर की। साथ ही कहा कि अंचल पदाधिकारी जल्द से जल्द लंबित आवेदनों को निपटाएं।

इस बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने अंचल पदाधिकारियों को अक्टूबर अंत तक का समय दिया। उन्होंने कहा कि अगले महीना खत्म होने तक लंबित आवेदनों में कम से कम 50 फीसदी की कमी लाई जाए। अभी दाखिल खारिज के 6 लाख आवेदन लंबित हैं, जिनकी संख्या आगामी महीनों में घटकर 2 लाख होनी चाहिए।

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एसीएस दीपक कुमार ने बयान जारी कर कहा कि विभाग के अधिकारियों को बिना मंजूर करके लौटाए गए सभी आवेदनों की रैंडम जांच का आदेश दिया गया है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि अंचल पदाधिकारियों ने जानबूझकर इन आवेदनों को खारिज किया है या फिर इनके पीछे कोई वास्तविक कारण था। बुधवार को पटना में हुई राजस्तरीय बैठक में बिहार के 170 अंचल पदाधिकारी शामिल हुए।

बता दें कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से राज्य के सभी 45000 गांवों में जमीन सर्वे किया जा रहा है। बीते कुछ सालों में विभाग ने डिजिटलाइजेशन पर फोकस करते हुए जमाबंदी, खातियान, जमीन के नक्शे और दाखिल खारिज से जुड़ी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का काम किया। ताकि रैयतों को जमीन से जुड़े कागजात आसानी से मिल सकें।

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विभागीय अधिकारियों के अनुसार सीतामढ़ी जिले के सुप्पी सर्किल में दाखिल खारिज के सबसे ज्यादा 47.93 फीसदी आवेदन लंबित हैं। इसके बाद पटना जिले के पंडारक और बेगसूराय जिले के साम्हो अखा कुर्जा सर्किल में 44 फीसदी आवेदन लंबित पाए गए हैं। इन आवेदनों के निपटारे में पटना सदर अंचल का प्रदर्शन सबसे खराब है।

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