Hindi Newsबिहार न्यूज़Action on CO for rejecting Land Mutation application without sufficient reason

दाखिल खारिज में मनमानी नहीं चलेगी; नीतीश सरकार का फरमान, बिना कारण कैंसिल किया तो CO नपेंगे

जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के मामले अधिक संख्या में लंबित हैं या बड़ी संख्या में आवेदनों को रद्द किया गया है। ऐसे सभी अंचलों के जांच की जिम्मेदारी संबंधित डीसीएलआर (भूमि सुधार अपर समाहर्ता) को सौंपी गई है। इसकी रिपोर्ट राजस्व विभाग को भी भेजनी होगी।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटनाThu, 22 Aug 2024 05:22 AM
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार सरकार ने दाखिल-खारिज समेत अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी या खराब प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों की कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। बिना सटीक कारण बताए या उल्लेख किए दाखिल-खारिज के आवेदनों को रद्द करने वाले सीओ (अंचलाधिकारी) नपेंगे। राज्य में दाखिल खारिज एक बड़ी समस्या है। इसमें अधिकारी और काफी मनमानी करते हैं। आम धारना हो गई है कि बगैर कुछ लिए दिए दाखिल खारिज नहीं हो सकती। इन पर लगाम कसने के लिए नीतीश कुमार की सरकार ने यह कदम उठाया है। बताते चलें कि भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल भी राज्य में भूमि संबंधि समस्याओं को लेकर काफी सजग रहते हैं।

जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के मामले अधिक संख्या में लंबित हैं या बड़ी संख्या में आवेदनों को रद्द किया गया है। ऐसे सभी अंचलों के जांच की जिम्मेदारी संबंधित डीसीएलआर (भूमि सुधार अपर समाहर्ता) को सौंपी गई है। इसकी रिपोर्ट राजस्व विभाग को भी भेजनी होगी। यह आदेश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने दिया है। बुधवार को वे राज्य के सभी डीसीएलआर के साथ पटना के गर्दनीबाग स्थित राजस्व निदेशालय के सभागार में समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर विभागीय सचिव जय सिंह ने सभी डीसीएलआर को ऐसे अंचलों की पहचान कर इनका निरीक्षण करने को कहा है और संबंधित सीओ समेत अन्य दोषी पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

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समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि अकेले बांका जिले के चार अंचल ऐसे हैं, जिनमें दाखिल-खारिज के 50 फीसदी से अधिक मामले निरस्त कर दिए गए हैं। इस मामले में बांका डीएम को सचिव ने जांच करने का आदेश दिया गया है। अगर बिना सटीक कारण से आवेदन रद्द किए गए हैं तो संबंधित सीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा दरभंगा समेत कुछ अन्य स्थानों का प्रदर्शन काफी खराब पाया गया है। इन सभी के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट भेजने का आदेश संबंधित डीसीएलआर को दिया गया है। समीक्षा में पाया गया कि ई-मापी के मामलों को भी पास करने में सीओ के स्तर पर काफी देरी हो रही है। इन आवेदनों को भी बिना कारण रद्द कर दिया जाता है। जबकि ई-मापी के आवेदनों को रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है।

इन मामलों की जांच भी डीसीएलआर को करने के लिए कहा गया है। इसमें गड़बड़ी पाए जाने पर सीओ के अलावा संबंधित दोषी पदाधिकारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने परिमार्जन के नए मॉडयूल पर ही मामलों का निष्पादन करने का आदेश दिया है। इसका पालन नहीं करने वाले सीओ के अलावा राजस्व कर्मी और राजस्व पदाधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस दौरान जमीन विवाद से जुड़े मामलों का निपटारा कराने के लिए डीसीएलआर स्तर पर लगाए जाने वाले राजस्व न्यायालयों को ऑनलाइन करने को कहा गया है। अपर मुख्य सचिव ने सभी डीसीएलआर को बसेरा-2 अभियान के तहत भूमिहीनों के बीच जमीन का पर्चा तेजी से वितरित करने का निर्देश दिया है।

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