बिहार में राजस्व कर्मियों पर सख्ती, म्यूटेशन का आवेदन खारिज करने के पहले अब बताना होगा कारण
बिहार में ऑनलाइन दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत करना राजस्व कर्मियों के लिए अब आसान नहीं होगा। सीओ को किसी आवेदन को अस्वीकृत करने से पहले वाजिब कारण बताना होगा। अगर किसी कागज की कमी है तो रैयत को...
बिहार में ऑनलाइन दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत करना राजस्व कर्मियों के लिए अब आसान नहीं होगा। सीओ को किसी आवेदन को अस्वीकृत करने से पहले वाजिब कारण बताना होगा। अगर किसी कागज की कमी है तो रैयत को मौका देकर कागज मांगना होगा। एनआईसी ने इसके लिए सॉफ्टवेयर में सुधार कर दिया है। 26 मार्च से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।
म्यूटेशन के मामले में पहले अस्वीकृति का कारण बताना था, लेकिन यह आदेश बहुत स्पष्ट नहीं था। आवेदन में मामूली त्रुटि का बहाना बनाकर और आवेदक को बगैर कोई मौका दिए आवेदन अस्वीकृत कर दिए जाते थे। अब किसी आवेदन को अस्वीकृत करने के पहले आवेदक या रैयत को साफ-साफ कारण बताना होगा। ऑनलाइन म्युटेशन में अस्वीकृत मामलों की बढ़ती संख्या की वजह से रैयतों को हो रही परेशानी को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने यह नया तरीका विकसित किया है।
विभाग में मंथन के बाद आवेदनों को खारिज करने के कुछ सामान्य कारणों को खोजा गया है। आवेदन खारिज करने के लिए ऐसे कारण दिये जा रहे हैं, जिनका निराकरण रैयत या आवेदक द्वारा किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए उन्हें मौका नहीं जाता। अब मौका देने के लिए विभाग द्वारा दाखिल-खारिज के सॉफ्टवेयर में सुधार किया गया है। पहले दाखिल-खारिज के किसी मामले को अस्वीकृत करने के लिए अंचल अधिकारी द्वारा कारण को मैनुअली टाइप किया जाता था। अब ड्रॉप डाउन से उसे सेलेक्ट करना होगा। कुल 35 मामलों को सॉफ्टवेयर के ड्रॉप डाउन में डाला गया है।
अस्वीकृति के सामान्य कारण में मुख्य रूप से वंशावली में संबंध स्पष्ट नहीं होना, दर केवाला संलग्न नहीं होना, जमाबंदी क्षतिग्रस्त होना, मिल-जुमला खेसरा का होना, विक्रेता एवं जमाबंदी रैयत में संबंध का नहीं होना, आवेदन के साथ संलग्न साक्ष्य का अपठनीय होना, जमीन का विवादित होना आदि है। ऐसे मामलों में अंचल अधिकारी सीधे-सीधे आवेदन को अस्वीकृत नहीं कर सकते हैं। उक्त 15 मामलों को ड्रॉप डाउन से सेलेक्ट करते ही आवेदक को उसके मोबाइल पर अपने आप एक मैसेज चला जाएगा। मोबाइल फोन वही होगा जो आवेदक अप्लाई करते वक्त खुद से भरेगा। मैसेज में स्पष्ट रहेगा कि आवेदक को अंचल कार्यालय आकर 7 दिनों के भीतर वांछित दस्तावेज जमा करना है। विभाग के अपर मुख्य सचिव विवक कुमार सिंह ने बताया कि ऑनलाइन सिस्टम में और सुधार करने की योजना है।
इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री राम सूरत कुमार ने बताया कि इस सुविधा के शुरू होने के बाद आवेदनों को अस्वीकृत करने की रफ्तार में कमी आएगी। इससे रैयतों को काफी राहत मिलेगी।