एनकाउंटर में सेना की 2 पैरा के जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) नायब सूबेदार राकेश कुमार शहीद हो गए और 3 अन्य सैनिक घायल हुए हैं। रविवार की मुठभेड़ के बाद से आतंकवादियों की ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई है।
पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ की विस्तृत जानकारी का इंतजार है। हालांकि, एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि मुठभेड़ के दौरान एक आतंकवादी मारा गया है।
लोन ने कहा, ‘जब मैं युवा था, तब मेरे इलाके में सैन्य कार्रवाई की गई थी। मैं उस समय शायद 10वीं कक्षा का छात्र था। मुझे मिलाकर 32 युवाओं को पूछताछ के लिए चुना गया था।’
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने ‘पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा’ जैसे नारे लगाए। भाजपा विधायक आसन के समक्ष भी आ गए, जिसके बाद अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने निर्देश दिया कि उन्हें बाहर निकाल दिया जाए।
अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। इससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो गया था और तत्कालीन राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।
वहीद पारा का कहना था कि जम्मू-कश्मीर को फिर से विशेष दर्जा मिलना चाहिए और आर्टिकल 370 की बहाली हो जानी चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को दोबारा पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की भी मांग की। फिलहाल जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है, जहां दिल्ली की तरह ही विधानसभा भी है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद संगठन में बड़ा फेरबदल किया जा रहा है। सत शर्मा को नया बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं रविंदर रैना को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है।
व्हाइट नाइट कोर की ओर से कहा गया, 'हम अपने सच्चे होरी और भारतीय सेना के वीर कुत्ते फैंटम के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हैं। उसकी हिम्मत, वफादारी और समर्पण को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।'
सतर्क जवानों ने टेरर अटैक को नाकाम कर दिया। साथ ही, इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। लोगों से पूछताछ के आधार पर और जानकारी जुटाई जा रही है।
अधिकारियों के मुताबिक, मेंढर उपविभाग के बलनोई सेक्टर में तलाशी अभियान के दौरान इस ठिकाने का पता चला। आतंकवादियों के इस ठिकाने से 2 हथगोले और 3 बारूदी सुरंगें जब्त की गईं।
जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में गुरुवार को किए गए आतंकवादी हमले में गंभीर रूप से घायल हुए 2 जवानों ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही इस हमले में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 4 हो गई है।
जम्मू-कश्मीर को 10 साल बाद चुनी हुई सरकार मिली है और उमर अब्दुल्ला अब मुख्यमंत्री बन गए हैं। इसके बाद भी केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी हमले थमने की बजाय और बढ़ गए हैं। बीते 15 दिनों में ही अलग-अलग आतंकी हमलों में अब तक 19 लोग मारे जा चुके हैं। 24 अक्टूबर को फिर से हुए हमले ने सवाल पैदा कर दिए हैं।
मीरवाइज ने कहा कि बैठक में किसी महत्वपूर्ण बात पर चर्चा नहीं हुई। मीरवाइज ने इसे महज एक अनौपचारिक बैठक बताया। जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत की बैठक को लेकर राजनीतिक हलकों में भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
अधिकारियों ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े माने जाने वाले इस नए समूह को पाकिस्तानी आतंकी की ओर से ऑपरेट किया जा रहा है। इस पाकिस्तानी आतंकवादी को उसके उपनाम ‘बाबा हमास’ के नाम से जाना जाता है।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने हमले को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां साझा की हैं। उन्होंने बताया कि धमाकों की आवाज सुनकर ऐसा लगा कि किसी शादी में पटाखे जलाए गए हों। हालांकि, कुछ मिनटों बाद ही साफ हो गया कि यह आतंकवादी हमला है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘इन दरिंदों को इससे क्या मिलेगा। क्या वो समझते हैं इससे यहां पाकिस्तान बनेगा? मैं पाकिस्तान के हुक्मरानों से कहना चाहता हूं कि अगर वे सच में हिन्दुस्तान के साथ दोस्ती चाहते हैं तो ये बंद करें।’
टीआरएफ का चीफ शेख सज्जाद गुल इस हमले का मास्टरमाइंड है। गुल के कहने पर ही उसके स्थानीय गुर्गों ने इस घटना को अंजाम दिया। यह पहली बार है जब कश्मीरियों और गैर-कश्मीरियों को एकसाथ निशाना बनाया गया है।
विधायक लोन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राष्ट्रगान का अपमान करने का उनका कोई इरादा नहीं था। वह पीठ दर्द के कारण बैठ गए थे।
जम्मू और कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी से बात की है कि जब मैं सड़क मार्ग से कहीं जाऊं तो कोई ग्रीन कॉरिडोर या यातायात अवरोध न हो।
जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शानदार जीत दर्ज की थी। उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने हैं। इस नई सरकार में कांग्रेस शामिल नहीं हो रही है। उसने बाहर से समर्थन देने का ऐलान किया है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और बुधवार को उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। अपने और सीएम के रिश्ते में टकराव की स्थिति पर जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा है कि उनकी ओर से वह सुनिश्चित करेंगे कि कोई टकराव ना हो।
हालिया चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेन्स और कांग्रेस गबंधन ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 49 सीटें जीती हैं। NC ने 42, कांग्रेस ने 6 और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने एक सीट हासिल की, जिससे गठबंधन की संख्या 49 हो गई।
उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि नई सरकार की प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना है जिसके लिए वह दिल्ली में सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री एक सम्माननीय व्यक्ति हैं।
मतदाताओं के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में बड़े बदलाव भी आए हैं। दस में से चार लोगों ने माना कि विकास ने गति पकड़ी है। इसके विपरीत पांच में से केवल एक ने व्यक्ति ने महसूस किया कि विकास की गति मंद पड़ी है।
एडीआर की रिपोर्ट है कि जम्मू-कश्मीर में नवनिर्वाचित 84 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं। जिसमें सबसे अमीर कांग्रेस विधायक हैं, सबसे गरीब आम आदमी पार्टी के हैं। भाजपा विधायक किस नंबर हैं?
बहुमत के लिए चाहिए 46 के आंकड़े को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने निर्दलीयों के समर्थन से हासिल कर लिया है। इससे पहले, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उमर अब्दुल्ला को अपने विधायक दल का नेता चुना।
जम्मू-कश्मीर के नतीजों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को 48 सीटें मिली थीं। इसमें से नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42, कांग्रेस को छह सीटें थीं। अब चार विधायकों के साथ आने के बाद एनसी को अकेले दम पर बहुमत मिल गया है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के मकसद से जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में 20 सीट पर कैंडिडेट लड़ाए। लेकिन पार्टी को पूरे राज्य में मात्र 8198 वोट मिले। प्रतिशत में 0.14 फीसदी। सपा को वहां लैपटॉप चुनाव चिह्न मिला था।
भगवा पार्टी को मुस्लिम बहुल रामबन, राजौरी और पुंछ जिलों से कुल दस में से केवल एक सीट मिली है। इसके अलावा भाजपा ने जम्मू क्षेत्र में कुल 43 में से 35 सीटों पर जीत के लिए गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ी मतदाताओं पर भरोसा जताया था, जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके।
जम्मू-कश्मीर के संभावित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नेकां सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बृहस्पतिवार को विधायक दल की एक बैठक बुलाएगी।