चिंताजनक : ऑनलाइन सट्टेबाजी की गिरफ्त में युवा
मुजफ्फरपुर में ऑनलाइन सट्टेबाजी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। युवा क्रिकेट और अन्य खेलों पर दांव लगा रहे हैं, जिससे कई लोग पैसे गंवा रहे हैं। कई छात्र सट्टेबाजी के कारण कर्ज लेकर भाग रहे हैं। विशेषज्ञों...
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मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। ऑनलाइन सट्टेबाजी की ओर युवाओं का रूझान तेजी से बढ़ रहा है। युवा क्रिकेट व अन्य खेल और अपने पसंदीदा खिलाड़ियों पर प्रतिदिन दाव लगा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय के साथ-साथ स्थानीय मुकाबलों पर भी पैसे लगाये जा रहे हैं। करोड़ों रुपये कैश और उपहार जीतने की चाहत में लाखों रुपये प्रतिदिन गंवा रहे हैं। कई युवा ने तो दोस्तों और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर सट्टेबाजी में लगाया, लेकिन जब पैसा डूब गया तो घर छोड़कर फरार हो गये हैं। वर्तमान में सट्टेबाजी का ट्रेंड भी बदला है। पहले जहां क्रिकेट और अन्य खेलों में दाव लगता था, अब क्रिप्टो, शेयर बाजार के ऊपर जाने, नीचे आने के पूर्वानुमान, वीडियो के व्युअर्स की संख्या के प्रीडिक्शन पर भी खूब पैसे लगाये जा रहे हैं। दर्जनों ऐसे एप्स प्ले स्टोर और वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, जहां युवा पूर्वानुमान के साथ पैसे निवेश कर रहे हैं। एक सट्टेबाजी एप के अनुसार बिहार में औसतन करीब 25 से 29 हजार लोग प्रतिदिन अलग-अलग स्लॉट में निवेश कर रहे हैं। इनमें से 1500 से 2000 लोग अपनी लागत राशि निकाल पा रहे हैं। इनमें मुजफ्फरपुर में सट्टेबाजी करने वालों की संख्या प्रतिदिन दो हजार से अधिक रह रही है। यह डेटा एक एप का है। ऐसे दर्जनों एप्स पर युवा एक साथ सट्टा लगा रहे हैं।
एक प्रसिद्ध लीग से पूर्व नये एप्स दे रहे झांसा :
अगले महीने शुरू हो रहे एक प्रसिद्ध क्रिकेट लीग से पूर्व कई एप्स युवाओं को झांसा दे रहे हैं। नए सट्टेबाजी एप्स बाजार में उतरने की तैयारी में हैं। उनकी ओर से निवेश करने पर चार गुणा तक राशि मिलने के दावे किए जा रहे हैं। ऐेसे में युवाओं की नजर इन एप्स पर भी है। पूर्व से मौजूद एप्स में कई का निबंधन भी नहीं है। वे निवेश करने के बाद जीत जाने पर स्क्रीन पर राशि दो-तीन गुणा अधिक दिखाते हैं, लेकिन उसकी निकासी का विकल्प नहीं मिलता। ऐसे में ठगे जाने पर युवाओं की ओर से साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत कर ऐसे एप्स की रिपोर्ट की गयी है।
फ्लाइट की ऊंचाई के साथ पैसे बढ़ने का लालच :
सट्टेबाजी और युवाओं को रिझाने के लिए ऐसे एप्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं कि युवा उसकी स्ट्रेटजी देख अपने आप को रोक नहीं पा रहे। एक एप में पैसे निवेश करने के बाद फ्लाइट उड़ना शुरू करता है। वह जितना अधिक ऊपर जाएगा, राशि उतनी ही अधिक बढ़ती जाएगी। उसके लैंड करने से पूर्व राशि निकाल लेनी होती है। इसमें जड़ा सी चूक पर एक सेकेंड में लाखों रुपये का निवेश जीरो हो सकता है। इसमें खतरा जानने के बाद भी युवा इसमें लगातार निवेश कर रहे हैं।
कर्ज लेकर खेला सट्टा, डूबा तो घर से भागा :
मिठनपुरा इलाके में छात्रावास में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाला एक युवक लगातार एप्स पर सट्टेबाजी का आदी हो चुका था। यहां तक कि अपने कमरे का किराया व अन्य मद में घर से मिलने वाली राशि भी वह इसमें लगा देता था। शुरू में कुछ कमाई भी हुई। इसी लालच में वह खेलता रहा। हारने पर दोस्तों से कर्ज लिया। जब राशि चुका नहीं सका तो वह यहां से फरार हो गया है। उसके पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई तो पता चला कि वह कर्ज लेकर फरार हुआ है। करीब एक सप्ताह बाद वह घर लौटा।
ऑनलाइन सट्टेबाजी के ट्रेंड को नियंत्रित करने की जरूरत
अनिकेत पीयूष, अधिवक्ता (साइबर लॉ) का कहना है कि वर्तमान में ऑनलाइन सट्टेबाजी का ट्रेंड है। इसे नियंत्रित करने की जरूरत है। युवा लगातार इसकी गिरफ्त में जा रहे हैं। हारने के बाद डिप्रेशन और मानसिक रूप से भी परेशान रह रहे हैं। इनके विज्ञापन में भी कहा जा रहा है कि इसमें आर्थिक जोखिम है। इसके बाद भी युवा इसकी गिरफ्त में हैं। ऑनलाइन सट्टेबाजी से युवाओं को बचना चाहिए। फर्जी एप्स की साइबर क्राइम में रिपोर्ट करनी चाहिए।
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