अब इस मामले में उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए थोड़ा और वक्त दे दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी। बेंच ने कहा, ‘वक्फ अथॉरिटी मैरिज और तलाक के सर्टिफिकेट भी जारी कर रही है? हम आपको इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए और समय नहीं देंगे।’
साफ है कि तीन पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कर दी और गठबंधन को हारना पड़ा। अब इसे लेकर आम आदमी पार्टी भड़क गई है क्योंकि एक तरफ मेयर भाजपा का जीत गया तो वहीं सीनियर डिप्टी मेयर कांग्रेस का जीता है। अब आम आदमी पार्टी का कहना है कि कांग्रेस ने दगाबाजी कर दी और इसके चलते ही यह नतीजा आया है।
अखाड़े के संतों और महंतों के बीच यह तय किया जाता है कि कौन इस पद के लिए योग्य है। इस चयन में साधु-संत की आध्यात्मिक गहराई, शास्त्रों का ज्ञान, तप और समाज सेवा में योगदान को ध्यान में रखा जाता है।
ममता ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। पुराने टाइम में ऐसा होता था कि लोग टाइम आदि का ज्यादा ध्यान नहीं रखते। अस्पतालों में बच्चों का जन्म नहीं होता था बल्कि घरों में ही बच्चे पैदा होते थे। उन्होंने कहा कि मैंने एक किताब में अपने जन्म के बारे में लिखा है कि कैसे मेरा दाखिल हुआ और जन्मतिथि लिखी गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने विधायकों को दोटूक नसीहत देते हुए कहा कि आप कांग्रेस के हाल से समझ सकते हैं कि यदि जनता से नेता कट जाएं और आपस में लड़ जाएं तो क्या हाल हो सकता है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दलों के बीच आपस में कोई मतभेद नहीं होना चाहिए।
खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि वे भी आमरण अनशन करेंगे। बुधवार को सुबह ही किसानों ने इलाके को खाली किया और फिर प्रार्थना के बाद अनशन शुरू कर दिया। इस बीच किसानों का कहना है कि डल्लेवाल की हालत बिगड़ती जा रही है और हमें उनकी चिंता है।
अभिषेक ने कहा, 'INDIA ब्लॉक का जब गठन हुआ था तो तय हुआ था कि जहां भी क्षेत्रीय दल मजबूत हैं। वहां वे भाजपा का मुकाबला करेंगे। जैसे तमिलनाडु में डीएमके, झारखंड में झामुमो और इसी तरह दिल्ली में आम आदमी पार्टी। आखिर आप क्या सोचते हैं कि दिल्ली में भाजपा को कौन हरा सकता है? वह आम आदमी पार्टी ही है।'
अमृतपाल सिंह की ओर से दल के गठन को लेकर बयान भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया कि हमारा पहला कदम यह होगा कि अकाली राजनीति को मजबूत किया जाए। उसे फिर से सूबे में उभारा जाए। सुखबीर सिंह बादल भी कह चुके हैं कि अकाली दल की राजनीति को खत्म करने के लिए अमृतपाल सिंह की पार्टी बनवाई जा रही है।
कल्याण सिंह ने बसपा के बागियों और अन्य दलों के सहयोग से सरकार बना ली। लेकिन यहीं से अटल और कल्याण के रिश्ते भी खराब हुए। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कल्याण सिंह को लगा था कि शायद अटल बिहारी वाजपेयी मायावती को ही सीएम बनाए रखने के पक्ष में हैं। ऐसा इसलिए ताकि मायावती का समर्थन दिल्ली में मिलता रहे।
नई दिल्ली सीट से उतरे भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने दावा किया है कि उन्हें जब पार्टी से टिकट नहीं मिला तो राहुल गांधी ने ऑफर किया था। प्रवेश वर्मा ने कहा कि मेरे पिता जी का देहांत 2007 में हुआ था। इसके बाद 2008 और 2009 में जब पार्टी ने मुझे टिकट नहीं दिया तो राहुल गांधी ने मुझे ऑफर दिया था।