मरीजों की तकलीफ दूर करने वाला जूरन छपरा खुद दर्द झेल रहा है। जाम की जद में कराहते इस महत्वपूर्ण इलाके के दवा कारोबारी मुश्किल हालात से गुजर रहे हैं। श
मुजफ्फरपुर के विकास और समृद्धि में अहियापुर कृषि उत्पादन बाजार समिति की बड़ी भूमिका है। पांच सौ से अधिक थोक व्यवसायी सालाना करीब हजार करोड़ का कारोबार क
एमआईटी के हॉस्टलों में सुविधाओं की कमी भावी इंजीनियरों की राह रोक रही है। विद्यार्थियों का कहना है कि यहां पढ़ाई तो अच्छी होती है, मगर हॉस्टलों में अपे
बच्चों को पोषाहार पहुंचाने से लेकर गर्भवती महिलाओं के पोषण का जिम्मा, मगर मजदूरी मजदूरों से भी कम। यह हाल है जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका और सह
इमलीचट्टी थोक फूल मंडी में पांच सौ से अधिक दुकानें हैं। सालाना 10 करोड़ तक का कारोबार होता है। इसके बावजूद इलाके में सुविधाओं का अभाव है। व्यवसायियों न
मुजफ्फरपुर में दिव्यांग बच्चों को शिक्षा और नौकरी के लिए विशेष प्रावधान हैं, लेकिन उन तक पहुँचने में अड़चनें हैं। यूडीआइडी कार्ड बनाने के लिए पटना की दौड़ लगानी पड़ती है, और बैंक खाता खोलने में भी...
गुजराती मोहल्ले में 250 से अधिक परिवार रहते हैं, जो पुराने कपड़ों का कारोबार करते हैं। मूलभूत सुविधाओं का अभाव और सरकारी सहायता की कमी के कारण उन्हें विस्थापन का डर सता रहा है। फुटपाथ से हटाए जाने का...
करीब पांच दशक पहले बने सदर अस्पताल के एएनएम हॉस्टल का कोना-कोना खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। छत का प्लास्टर गिर रहा है। इतने बदहाल हॉस्टल में 84 ए
मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन पंडितों और सेवईत परिवारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। पूजा के लिए श्रद्धालुओं को 200 रुपये की रसीद कटानी होती...
मुजफ्फरपुर में पूर्व सैनिकों को अपनी पुश्तैनी जमीन पर कब्जे और सरकारी सहायता की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 25% पूर्व सैनिकों की जमीन पर अवैध कब्जा है। स्थानीय प्रशासन की अनदेखी और मिलिट्री स्टेशनों...