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समय पर वेतन व पुरानी पेंशन मिले तो दूर हो दुश्वारी

मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी समय पर वेतन और पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं। एक हजार से अधिक कर्मचारी जर्जर कार्यालयों और संसाधनों के बीच काम कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से समस्याओं के...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 10 May 2025 07:06 PM
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समय पर वेतन व पुरानी पेंशन मिले तो दूर हो दुश्वारी

मुजफ्फरपुर। स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ माने जाने वाले कर्मचारी ही विभाग के स्तर पर उपेक्षित हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर सदर अस्पताल तक काम करने वाले कर्मचारी समय पर वेतन को तरस रहे हैं। कार्यालय में समुचित संसाधन तक नहीं मिल पा रहा है। जिले में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के एक हजार से अधिक कर्मचारी लगातार सरकार और विभाग से पुरानी पेंशन और समय पर वेतन की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमलोगों को समय पर वेतन नहीं मिलने से परिवार चलाने में परेशानी होती है। कार्यालय में कई कमरे और भवन जर्जर हालत में हैं। यहां बैठकर काम करने में भी दिक्कत होती है।

हम स्वास्थ्य जैसी अहम सेवा की जिम्मेदारी संभालते हैं, पर हमारी समस्याओं पर ही ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिले के स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले लिपिक से लेकर एएनएम तक समान परेशानी से गुजर रहे हैं। उनका कहना है कि हमें पुरानी पेंशन स्कीम में डाला जाये। हमें समय पर वेतन मिले, ताकि परिवार चलाने में परेशानी न हो। बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला मंत्री विभा कुमारी और संयुक्त मंत्री नीलू कुमारी का कहना है कि हमलोगों ने कई बार अपनी मांग जिला स्वास्थ्य विभाग के पास रखी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कहा कि समस्याओं का समाधान नहीं होने से कर्मचारियों में काफी निराशा है। हमलोगों ने इसके लिए कई बार आंदोलन भी किया, लेकिन विभाग और सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी परेशान हैं। हमलोगों पर विभाग और सरकार का कोई ध्यान नहीं है। हमलोग किसी भी कीमत पर पुरानी पेंशन के साथ आठवां वेतन आयोग चाहते हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि हमलोग सातों दिन 24 घंटे लोगों की सेवा करते हैं, इसके बाद भी हमारी सुध नहीं ली जा रही है। इससे बड़ा अन्याय हमारे साथ क्या होगा। सरकार और विभाग को हमारी समस्याओं पर जल्द कदम उठाना चाहिए। किसी काम के लिए एएनएम से लेकर लिपिक तक को बार-बार जिला मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके बाद भी वहां हमारी बातों को नहीं सुना जाता है।

दो माह से वेतन भुगतान नहीं, कैसे चलाएं घर

ग्रामीण एएनएम प्रियंका कुमारी का कहना है कि हमलोग संविदा पर काम करते हैं। दो-दो महीने तक वेतन नहीं आता है, जिसके कारण घर चलाना मुश्किल हो जाता है। बच्चों की फीस, घर का राशन नहीं आ पाता है। इस बारे में कोई कदम विभाग और सरकार नहीं उठा रही है। हमलोगों ने कुछ दिनों पहले जो हड़ताल की थी, उस अवधि का वेतन भी अब तक नहीं मिला है। तीन महीने का वेतन हमलोगों का बकाया है। कई महीनों से इस पर सरकार और विभाग टाल-मटोल कर रहे हैं। तीन महीने का वेतन अटकने से हमलोगों के कई काम नहीं हो रहे हैं।

कार्यालयों के कमरे जर्जर, गर्मी में एसी भी खराब

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि हम जहां काम करते हैं, वहां के कमरे और भवन जर्जर हैं। भीषण गर्मी में एसी काम नहीं करता है। गर्मी से कई बार हमारी तबीयत भी खराब हो जाती है, बावजूद अधिकारियों का इस पर कोई ध्यान नहीं रहता है। महिला से लेकर पुरुष कर्मचारी तक इससे परेशान हैं। कांटी पीएचसी में काम करने वाले कंचन कुमार ने कहा कि एसी खराब होने से भीषण गर्मी में काम करना मुश्किल हो जाता है। कर्मचारियों का कहना है कि जिस भवन में हमलोग काम करते हैं, वह जर्जर है। हादसे की आशंका बनी रहती है। अगर कोई हादसा हो जाये तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।

महिला कर्मचारियों की सुनिश्चित हो सुरक्षा

स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारियों का कहना है कि कई बार उन्हें अस्पताल और दफ्तर से जाने में देर हो जाती है। विभाग को उनके आने-जाने को लेकर समय तय करना चाहिए। अगर किसी महिला कर्मचारी को अस्पताल या दफ्तर से जाने में देर हो जाये तो उसे सुरक्षा गार्ड के साथ ही घर तक पहुंचाना चाहिए। रात में ड्यूटी करने वाली महिला कर्मचारियों की सुरक्षा का भी अस्पताल में पूरा इंतजाम होना चाहिए। कई अस्पतालों में असामाजिक तत्वों के जमावड़े की शिकायत आती है, ऐसी स्थिति में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा अस्पताल में रहनी चाहिए। अस्पताल में सुरक्षा के लिए गार्ड की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।

शौचालय और पेयजल की हो समुचित व्यवस्था

स्वास्थ्य विभाग के महिला और पुरुष कर्मचारियों का कहना है कि अस्पतालों और दफ्तरों में शौचालय और शुद्ध पेयजल की पूरी व्यवस्था की जाये। कई सीएचसी में महिला कर्मचारियों के लिए शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा पेयजल के लिए लगा वाटर कूलर भी खराब है। इससे गर्मी में पीने के पानी की दिक्कत हो जाती है। ये दोनों मूलभूत सुविधाएं सभी जगह मिलनी चाहिए। कार्यस्थल पर शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं होने से रोज महिला कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विभाग और सरकार को इस पर सबसे पहले ध्यान देना चाहिए। अस्पतालों में महिला कर्मचारियों की संख्या अधिक है। एएनएम सुबह से रात तक ड्यूटी करती हैं। सदर अस्पताल में भी शौचालय की परेशानी है। यहां भी महिला कर्मचारियों ने इसे तुरंत ठीक करने की बात कही।

समस्या के समाधान के लिए सीएस से होगी बात

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और एएनएम की जो भी समस्याएं हैं, उनके समाधान के लिए संबंधित सीएस से बात की जायेगी। जहां पेयजल और शौचालय की दिक्कत है, उसे ठीक कराने के लिए निर्देश जारी किया जायेगा। स्वास्थ्यकर्मियों को किसी तरह की परेशानी न हो, यह हमारी प्राथमिकता है। -डॉ. सरिता शंकर, क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य

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