राष्ट्रपति मुर्मू को अपना 'परिचय पत्र' देने वाले थे तुर्की के नए राजदूत, भारत ने अनिश्चितकाल के लिए टाला कार्यक्रम
दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद हवाई अड्डों ने तुर्की की विमानन ग्राउंड-हैंडलिंग कंपनी सेलेबी के साथ संबंध समाप्त कर दिए हैं। भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी।

विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में होने वाले उस कार्यक्रम को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया, जिसमें तुर्की के नवनियुक्त राजदूत अली मुरात एरसोय को भारत की राष्ट्रपति को अपना 'लेटर ऑफ क्रेडेंस' (राजनयिक मान्यता पत्र) सौंपना था। इस कार्यक्रम में थाइलैंड के राजदूत और बांग्लादेश के उच्चायुक्त को भी अपने-अपने मान्यता पत्र प्रस्तुत करने थे। 'लेटर ऑफ क्रेडेंस' वह औपचारिक दस्तावेज होता है जिसके माध्यम से किसी राजनयिक को दूसरे संप्रभु देश में आधिकारिक रूप से राजदूत या उच्चायुक्त नियुक्त किया जाता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति भवन में आज (गुरुवार को) होने वाला परिचय पत्र समारोह कार्यक्रम संबंधी समस्याओं के कारण स्थगित कर दिया गया है।’’ हालांकि, इसमें उन राजदूतों का उल्लेख नहीं किया गया था जिन्हें परिचय पत्र प्रस्तुत करना था। बताया जा रहा है कि तुर्किये, थाईलैंड, कोस्टा रिका और सेंट किट्स के नवनियुक्त राजदूत तथा बांग्लादेश के उच्चायुक्त राष्ट्रपति मुर्मू को अपने परिचय पत्र प्रस्तुत करने वाले थे।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत की विमानन सुरक्षा नियामक संस्था ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने तुर्की की कंपनी सेलेबी एविएशन होल्डिंग की भारतीय शाखा सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। सरकार ने 12 मई को कहा था कि उसने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान और उससे पहले पाकिस्तान को तुर्की के समर्थन, विशेषकर उसके कूटनीतिक और रक्षा सहयोग, को गंभीरता से लिया है।
सूत्रों के अनुसार, यह कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में शाम 4 बजे निर्धारित था। तुर्की के नामित राजदूत एरसोय की नियुक्ति इस वर्ष मार्च में हुई थी। नई दिल्ली स्थित थाई दूतावास के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि उन्हें MEA से कार्यक्रम स्थगित किए जाने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम आज दोपहर 4 बजे होना था, लेकिन स्थगित कर दिया गया है। हमें कोई कारण नहीं बताया गया है। हम अधिक स्पष्टता और नई तारीख का इंतजार कर रहे हैं।” थाइलैंड की राजदूत चावनार्ट थंगसुमफन्ट ने भी मार्च में कार्यभार संभाला था।
बांग्लादेश उच्चायोग के एक अधिकारी ने भी MEA से सूचना प्राप्त होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता कि कार्यक्रम अंतिम समय में क्यों रद्द किया गया और अब तक नई तारीख क्यों नहीं दी गई है।” बांग्लादेश ने रियाज हमीदुल्ला को फरवरी में भारत के लिए उच्चायुक्त नियुक्त किया था, लेकिन वे अप्रैल में नई दिल्ली पहुंचे।
इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 27 फरवरी को पनामा, गुयाना, सूडान, डेनमार्क और फलस्तीन के राजदूतों और उच्चायुक्तों से राष्ट्रपति भवन में उनके ‘लेटर ऑफ़ क्रेडेंस’ स्वीकार किए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया घटनाक्रम, खासकर तुर्की के प्रति भारत की सुरक्षा चिंताओं और कूटनीतिक संदेशों के चलते यह स्थगन महज ‘शेड्यूलिंग’ मुद्दा नहीं हो सकता। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।