Hindi Newsबिहार न्यूज़Tearful farewell to martyr Mohammad Imtiaz who lost his life in Pakistani firing

ऑपरेशन सिंदूर में शहीद मो. इम्तियाज सुपुर्द-ए-खाक हुए, अंतिम यात्रा में लगे अमर रहे के नारे

पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हुए बीएसएफ के एसआई मोहम्मद इम्तियाज को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। छपरा के नारायणपुर स्थित उनके पैतृक गांव में हजारों की संख्या में लोग उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, एक संवाददाता, गड़खा (छपरा)Mon, 12 May 2025 06:07 PM
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ऑपरेशन सिंदूर में शहीद मो. इम्तियाज सुपुर्द-ए-खाक हुए, अंतिम यात्रा में लगे अमर रहे के नारे

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर को बिहार के सारण (छपरा) जिले के गड़खा स्थित उनके गांव नारायणपुर पहुंचा। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। सुबह से ही उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ जुटी थी। वे सभी देश की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहे थे। हर किसी की आंखें नम थीं, लेकिन गर्व भी था कि उनके गांव का बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है। वीर शहीद अमर रहे के नारों के बीच उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

भीषण गर्मी और तेज धूप के बीच अपने मिट्टी के लाल भारत मां के वीर सपूत के अंतिम दर्शन एवं श्रद्धांजलि के लिए जन सैलाब उमड़ा रहा। वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम नजर आई। मौके पर स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दूर से भी बड़ी संख्या में लोग शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे। लोगों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाकर अपने वीर सपूत को श्रद्धांजलि दी।

सेना के विशेष वाहन से घर पहुंचा पार्थिव शरीर

सोमवार दोपहर जैसे ही मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर सेना के विशेष वाहन से उनके गांव नारायणपुर पहुंचा, मातम पसर गया। रविवार से ही लोग अपने लाल के आखिरी दर्शन का इंतजार में थे। लोगों ने भारत माता की जय, वंदे मातरम, वीर इम्तियाज अमर रहे जैसे नारे लगाए। घरों की छतें, चहारदीवारी और सड़कों पर भारी संख्या में भीड़ शहीद की एक झलक पाने के लिए बेताब रही।

सबसे पहले ताबूत में रखे शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक आवास पर कुछ क्षणों के लिए रखा गया। इस दौरान परिजन की करूण चीत्कार से वातावरण गमगीन हो गया। लोगों के आंसू झर-झर कर बहने लगे। शहीद की एक झलक पाने के लिए लोग व्याकुल दिखे। महिलाओं के करूण चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया।

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पत्नी शहनाज अजीम तो शव से लिपटकर चीत्कार मार रो रही थीं। उनकी और अन्य परिजनों की दहाड़ सुनकर लोगों का कलेजा फटा जा रहा था। अन्य परिजनों का भी रो-रो कर बुरा हाल था। सेना के जवानों ने राष्ट्रीय ध्वज पार्थिव शरीर पर प्रदान कर शहीद को श्रद्धांजलि दी। डीआईजी, डीएम, एसपी समेत स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल के अधिकारी भी अंतिम विदाई में शामिल हुए।

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