पैरालंपिक: कपिल परमार ने जूडो में ब्रॉन्ज जीतकर रचा इतिहास, पीएम मोदी ने दी बधाई; भारत की झोली में 25वां मेडल
- Kapil Parmar Bronze Medal: कपिल परमार ने पेरिस पैरालंपिक में ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल जीता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कपिल को बधाई दी है। भारत के मेडल की संख्या बढ़कर अब 25 पर पहुंच गई है।
कपिल परमार ने गुरुवार (5 सितंबर) को पेरिस पैरालंपिक 2024 में कमाल कर दिया। उन्होंने पुरुषों की 60 किग्रा (जे1) जूडो स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच डाला। वह जूडो में पैरालंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। परमार ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में ब्राजील के एलिल्टोन डि ओलिवेरा को शिकस्त दी। भारत की झोली में 25वां मेडल आया है। भारत ने अभी तक पांच गोल्ड, 9 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज हासिल किए हैं।
परमार का शुरू से दिखा दबदबा
24 वर्षीय परमार ने ओलिवेरा के खिलाफ शुरू से ही दबदबा बनाए रखा और एकतरफा जीत दर्ज की। उन्होंने यह मुकाबला रिकॉर्ड 10-0 से अपने नाम किया। परमार इससे पहले सेमीफाइनल में ईरान के एस बनिताबा खोर्रम अबादी से 0-10 से हार गए थे। पैरा जूडो में जे1 वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जो दृष्टिबाधित होते हैं या फिर उनकी कम दृष्टि होती है। परमार ने 2022 एशियाई खेलों में इसी वर्ग में सिल्वर हासि किया था।
छह महीने कोमा में रहे परमार
परमार मध्य प्रदेश के शिवोर नाम के एक छोटे से गांव से हैं। बचपन में परमार के साथ एक दुर्घटना हुई थी। जब वह अपने गांव के खेतों में खेल रहे थे और गलती से पानी के पंप को छू लिया, जिससे उन्हें बिजली का जोरदार झटका लगा। बेहोश परमार को अस्पताल ले जाया गया और वह छह महीने तक कोमा में रहे। वह चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं। परमार के पिता टैक्सी चालक हैं जबकि उनकी बहन एक प्राथमिक विद्यालय चलाती हैं।
पीएम मोदी ने परमार को दी बधाई
परमार को ऐतिहासिक मेडल जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, ''बहुत ही यादगार प्रदर्शन और एक स्पेशल मेडल। कपिल परमार पैरालिंपिक में जूडो में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उन्हें पैरालिंपिक 2024 में पुरुषों की 60 किग्रा जे1 स्पर्धा में कांस्य जीतने के लिए बधाई! कपिल को भविष्य के के लिए शुभकामनाएं।''
कोकिला को मिली हार
वहीं, महिलाओं के 48 किग्रा जे2 वर्ग के क्वार्टरफाइनल में भारत की कोकिला को कजाखस्तान की अकमारल नौटबेक से 0-10 से हार का सामना करना पड़ा। फिर रेपेशेज ए के जे2 फाइनल में कोकिला को यूक्रेन की यूलिया इवानित्स्का से 0-10 से हार मिली। इसमें उन्हें तीन जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी को दो पीले कार्ड मिले। जूडो में पीले कार्ड मामूली उल्लघंन के लिए दिए जाते हैं। जे2 वर्ग में आंशिक दृष्टि वाले खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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