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Hindi Newsखेल न्यूज़अन्य खेलIndian Archer Harvinder Singh creates History after Winning Gold Medal at Paris Paralympics 2024

तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में उड़ाया गर्दा, गोल्ड जीतकर रचा इतिहास; भारत के खाते में 22वां मेडल

  • Harvinder Singh Gold Medal ralympics: भारतीय तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। उन्होंने फाइनल में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। हरविंदर ने फाइनल में पोलैंड को तीरंदाज को हराया।

Md.Akram लाइव हिन्दुस्तानWed, 4 Sep 2024 06:29 PM
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तीरंदाज हरविंदर सिंह ने बुधवार को पेरिस पैरालंपिक 2024 में गर्दा उड़ा दिया। उन्होंने पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व ओपन फाइनल में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने एकतरफा फाइनल में पोलैंड को तीरंदाज लुकास सिसजेक को 6-0 (28-24, 28-27, 29-25) से शिकस्त दी। हरविंदर ने इतिहास रच डाला है। वह पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाली पहले भारतीय तीरंदाज बन गए हैं। पेरिस में भारत के मेडल की संख्या बढ़कर 22 पर पहुंच गई है। भारत के खाते में फिलहाल चार गोल्ड, 8 सिल्वर, 10 ब्रॉन्ज हैं।

रिकर्व ओपन वर्ग में तीरंदाज 70 मीटर की दूरी से खड़े होकर निशाना लगाते हैं।हरविंदर ने पहले सेट में नौ अंक के साथ शुरुआत की जबकि लुकास ने भी इसका जवाब नौ अंक के साथ दिया। हरविंदर का अगला निशाना 10 अंक पर लगा जबकि पोलैंड का तीरंदाज सात अंक ही जुटा पाया। भारतीय तीरंदाज ने इसके बाद नौ अंक के साथ पहला सेट 28-24 से जीता। दूसरे सेट में सिजेक ने तीनों निशाने नौ अंक पर मारे जबकि हरविंदर ने दो नौ और फिर अंतिम प्रयास में 10 अंक के साथ 28-27 से सेट जीतकर 4-0 की बढ़त बनाई। 

तीसरे सेट में भी हरविंदर हावी रहे। सिजेक के सात अंक के मुकाबले उन्होंने 10 अंक से शुरुआत की और फिर अगला निशाना भी 10 अंक पर लगाया। भारतीय तीरंदाज ने अंतिम प्रयास में नौ अंक के साथ 29-25 से सेट और गोल्ड पर कब्जा जमाया। हरविंदर ने सेमीफाइनल में ईरान के मोहम्मद रेजा अरब अमेरी को 7-3 से हराकर फाइनल में एंट्री की थी। वह फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय तीरंदाज थे। हरविंदर ने टोक्यो पैरालंपिक में ब्रॉन्ड जीता था। वह भारत के एकमात्र पैरालंपिक पदक विजेता तीरंदाज हैं।

हरियाणा के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरविंदर जब डेढ़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाये गए थे। दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई। शुरुआती चुनौतियों के बावजूद वह तीरंदाजी में आ गए और 2017 पैरा तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में पदार्पण में सातवें स्थान पर रहे। फिर 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में गोल्ड जीतने में सफल रहे। कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में उनके पिता ने अपने खेत को तीरंदाजी रेंज में बदल दिया ताकि वह ट्रेनिंग कर सकें। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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