इस बार महाकुंभ में अजब-गजब बाबा भी पधारे हैं। किसी ने जटाओं में अनाज उगा रखा है तो किसी ने 32 साल से नहाया ही नहीं है। वहीं, किसी के पास 35 साल पुरानी एंबेसडर कार है। इसके अलावा एक बाबा ने बाइक से ही 25 राज्यों का सफर पूरा किया है।
पौष पूर्णिमा की पहली डुबकी के साथ ही महाकुंभ 2025 शुरू हो गया है। मंगलवार को मकर संक्रांति का स्नान होगा, इस दिन अखाड़ों का पहला अमृत (शाही) स्नान भी होगा। मकर संक्रांति पर ढाई करोड़ श्रद्धालुओं के त्रिवेणी में डुबकी लगाने का अनुमान है।
मध्य प्रदेश के इंदौर के मूल निवासी एंबेसडर बाबा महाकुंभ में पहुंचे हैं। वह अब तक चार कुंभ मेलों में शामिल हो चुके हैं। खास बात यह की बाबा हमेशा अपनी मशहूर 1972 एंबेसडर कार में यात्रा करते हैं। यह पुरानी गाड़ी पिछले 30 से 35 सालों से उनकी साथी रही है।
निरंजनी पंचायती अखाड़े के बाबा दिगंबर अजय गिरि उर्फ रुद्राक्ष बाबा हैं। वह 11 हजार रूद्राक्ष पहनते हैं। महराजन ने बताया कि शिवपुराण के अनुसार, जो 11,000 रूद्राक्ष पहनता है उसे भगवान शिव का रुद्र अवतार माना जाता है।
सोनभद्र के मारकुंडी से आए अमरजीत योगी ने अपने जटाओं में जौ उगा रखी है। इसके जरिए वह लोगों को पर्यावरण संरक्षण और जैविक खेती का संदेश दे रहे हैं। मेले में आले वाले श्रद्धालु अमरजीत योगी के इस अनूठे अंदाज को देखकर अनाज वाले बाबा कह रहे हैं।
महामंडलेश्वर अवधूत बाबा को लोग पर्यावरण बाबा के नाम से जानते हैं। महाकुंभ 2025 के लिए वह प्रयागराज पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म दो पेड़ लगाने को प्रोत्साहित करता है- एक अंतिम संस्कार के लिए और एक पीपल का पेड़ ऑक्सीजन के लिए। पर्यावरण बाबा ने अब तक 82 अनुष्ठान किए हैं। 1 करोड़ से अधिक पेड़ लगाने का संकल्प लिया है। 2016 में, वैष्णोदेवी से कन्याकुमारी तक एक पदयात्रा के दौरान बाबा ने 27 राज्यों में पेड़ लगाए।
महाकुंभ मेले में मध्य प्रदेश के रहने वाले बवंडर बाबा भी पहुंचे हैं। 14 साल की उम्र में ही संन्यास ले लिया था। बवंडर बाबा ने बताया कि जब उन्होंने देवी देवताओं वाले कैलेंडर फेका हुआ देखा तो उन्हें दुख हुआ। इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए वह बाइक से निकल पड़े। अब तक वह 25 राज्यों में अपनी बाइक से यात्रा कर चुके हैं।
राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले महाकाल गिरी बाबा महाकुंभ में शामिल होने आए हैं। बाबा ने एक हाथ पिछले 9 साल से ऊपर किया हुआ है। जिससे उनके एक हाथ के उंगलियों के नाखून बड़े हो गए हैं।
प्रतापगढ़ में चाय बेचने वाले दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी अब साधु बन गए हैं। पिछले 40 सालों से सिविल सेवा उम्मीदवारों को बिना खाए-पिए और बिना बोले मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं। वह हर दिन सिर्फ दस कप चाय पीकर अपना गुजारा कर रहे हैं। कोचिंग सेंटर में वह छात्रों का व्हाट्सऐप के जरिए मार्गदर्शन करते हैं।
महाकुंभ में 3 फीट 8 ईंच की लंबाई वाले गंगापुरी महाराज आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। लोग इन्हें छोटू बाबा के नाम से भी बुला रहे हैं। 57 साल के महाराज ने पिछले 32 साल से स्नान नहीं किया है। बाबा के मुताबिक उनकी एक इच्छा है जो पिछले 32 सालों में पूरी नहीं हुई है।