Divine Ram Katha Begins at Janaki Birthplace in Punoura 9 दिवसीय रामकथा सुनाने पुनौराधाम पहुंचे रामभद्राचार्य, Sitamarhi Hindi News - Hindustan
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9 दिवसीय रामकथा सुनाने पुनौराधाम पहुंचे रामभद्राचार्य

सीतामढ़ी में जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर पुनौरा धाम में नौ दिवसीय दिव्य श्रीराम कथा की शुरुआत हुई। जगत गुरु श्रीराम भद्राचार्य महाराज ने कथा का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह पावन भूमि है और यहां आने...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीTue, 29 April 2025 02:40 AM
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9 दिवसीय रामकथा सुनाने पुनौराधाम पहुंचे रामभद्राचार्य

सीतामढ़ी। जगत जननी जानकी सीता की प्राकट्य स्थली पुनौरा धाम में जानकी जन्मोत्सव के मौके पर मंदिर परिसर स्थित सीता प्रेक्षा गृह में नौ दिवसीय दिव्य श्रीराम कथा प्रथम दिन सोमवार की देर शाम तुलसी पीठाधीश्वर जगत गुरु श्रीराम भद्राचार्य महाराज के श्रीमुख से आरंभ हुई। मिथिला राघव परिवार के तत्वावधान में श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। जगतगुरू को सुबह दस बजे पहुंचना था। लेकिन देर शाम प्रवचन स्थल पर पहुंचे। देरी होने की वजह से जगत गुरु सीधे सीता प्रेक्षा गृह पहुंच गए। जगत गुरु के कथा शुभारंभ गुरु पूजन के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। श्रीराम कथा श्रवण करने आए श्रद्धालुओं द्वारा जगत गुरु श्रीराम भद्राचार्य जी महाराज का मंच पर भव्य स्वागत किया गया। जगत गुरु ने कहा कि यह बहुत ही पावन धरती है। यहां पर जो सच्चे मन से आता है, वह पूरा होता है। उन्होंने कहा कि मेरी सोलह वर्ष की तपस्या पूरी हुई है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार ने जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम को मान लिया है। अब सीता जन्मभूमि पुनौरा धाम का विकास निश्चित होगा। जगतगुरू ने कहा कि संसार के संबंध केवल अनुबंध है। परमात्मा से संबंध ही संबंध है। संस्कारिक संबंध छोड़ कर परमात्मा से मित्र, शाखा, पुत्र और पिता का संबंध बना लीजिए। भगवान से संबंध बनते ही भगवान पास आने लगते हैं। भगवान अंतर्यामी रूप से वास करते हैं।

पुनौरा में ही सीता का प्राकट्य:

जगतगुरू ने कहा कि पुनौरा ही पुण्यारण्य है, जहां सीता का प्राकट्य हुआ। इस भूमि पर बाल्मीकि व हनुमान जी का वास है। गृहमंत्री ने बताया कि राम जन्मभूमि की तरह माता सीता जन्मभूमि पुनौरा धाम का विकास होगा। कथा में मुख्य यजमान जानकी नंदन पांडेय, कथा संयोजक राम शंकर शास्त्री, अवधेश शास्त्री, धनुषधारी सिंह, रघुनाथ तिवारी, विधायक मिथिलेश कुमार, शंकर कुमार सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे। इसके पूर्व जगतगुरू रामभद्राचार्य अपने राघव रथ से जब जानकी मंदिर के सामने नारायण मैरेज हॉल पहुंचे तो महिलाओं ने उनके आगमन पर मैथिल गीत गाकर पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। इस दौरान दर्जनों श्रद्धालु मौजूद थे। जगतगुरू के रहने की व्यवस्था इसी हॉल में की गई है।

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