raja bhaiya chavni in mahakumbh triveni sangam see photos महाकुंभ में राजा भैया की अलग छावनी, भदरी राज के नाम से है कैंप; देखें PHOTOS
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महाकुंभ में राजा भैया की अलग छावनी, भदरी राज के नाम से है कैंप; देखें PHOTOS

  • यूपी की कुंडा विधानसभा सीट के विधायक राजा भैया चर्चित नेताओं में से एक हैं। वह सनातन परंपराओं में आस्था रखने वाले नेता हैं। हाल ही में उनका कुंभ में एक भाषण आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदू समाज के लोगों को शास्त्रों के साथ ही शस्त्र का भी ज्ञान होना चाहिए।

Surya PrakashFri, 31 Jan 2025 12:30 PM
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भदरी रियासत के नाम से बनी है अलग छावनी

राजा भैया महाकुंभ में अब भी बने हुए हैं। यही नहीं महाकुंभ में उनकी भदरी रियासत के नाम पर अलग से एक छावनी भी बनी हुई है। इस टेंट में उनके क्षेत्र के लोगों के ठहरे आदि की भी व्यवस्थाएं की गई हैं। राजा भैया यहां लोगों से मुलाकात भी कर रहे हैं। अकसर सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों पर उनके भाषण काफी सुने जाते हैं।

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संगम में ही सुबह करते हैं स्नान और फिर मुलाकातों का सिलसिला

कुंडा विधायक महाकुंभ में रहने के दौरान सुबह ही संगम में स्नान करते हैं और फिर स्थानीय लोगों से मुलाकात का उनका सिलसिला चलता है।

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राजा भैया के बेटे भी हैं साथ

राजा भैया के साथ उनकी बड़ी टीम भी है। उनके बेटे भी महाकुंभ में साथ ही नजर आते हैं।

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दिव्य प्रेम सेवा मिशन के कार्यक्रम में हुए थे शामिल

पिछले दिनों महाकुंभ में ही दिव्य प्रेम सेवा मिशन की ओर से आयोजित प्रोग्राम को राजा भैया ने संबोधित किया था। इसमें उनका भाषण वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने अकबरुद्दीन ओवैसी का जिक्र करते हुए कहा था कि वह सही कहते हैं। यदि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा ली गई तो आधे हिंदू तो अपने आप ही खत्म हो जाएंगे।

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राजा भैया ने शस्त्र और शास्त्र, दोनों को बताया जरूरी

उन्होंने कहा था कि आखिर हमारे पास है क्या? ना तो हम वंश वृद्धि कर रहे हैं और ना शस्त्र संचय कर रहे हैं। कुंडा के विधायक राजा भैया ने महाकुंभ में यह बात कही। उन्होंने दिव्य प्रेम सेवा मिशन की ओर से आयोजित प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा कि आज हिंदू समाज को बहुत सी बुराइयां खत्म करनी होंगी। इसके अलावा अपने अस्तित्व के लिए भी प्रयास करने होंगे।

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'संस्कृतियों की रक्षा के लिए जरूरी हैं शस्त्र'

राजा भैया ने कहा था, 'यह बात सत्य है कि शास्त्रों से रक्षा नहीं हो सकती। संस्कृतियों की रक्षा के लिए शस्त्र जरूरी हैं। तक्षशिला खत्म नहीं होता। एक लुटेरे ने नालंदा को आग के हवाले कर दिया। महीनों तक वहां पुस्तकें जलती रहीं। हमारे प्रभु ने जब-जब अवतार लिया तो उन्होंने अस्त्र धारण किए। भगवान राम को जब वनवास हुआ तो वह सब कुछ छोड़ गए, लेकिन अपने अस्त्र साथ लेकर गए। हम मां की उपासना करते हैं तो वह भी शस्त्र सज्जित रहते हैं। हनुमान जी के हाथ से गदा नहीं छूटी और शिवजी के हाथ में त्रिशूल हमेशा रहता है। शास्त्र यह कहते हैं कि कब किसका प्रय़ोग करें, लेकिन वे यह नहीं कहते कि शस्त्र छोड़ दें।'

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मूर्ति विसर्जन पर हमलों को लेकर उठाया था सवाल

उन्होंने कहा था कि हम देखते हैं कि मूर्ति विसर्जन पर भी हमले होते हैं। हमने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा। भारत में किसी ने भी शरण मांगी तो उसे मिली। हमारी यह शर्त तो नहीं थी कि धर्म बदल लो, तभी ऐसा होगा। भारत में मुसलमान, यहूदी और तिब्बती सभी को जगह दी गई। किसी भी भारतीय को इस पर आपत्ति नहीं थी। लेकिन समस्या तब शुरू होती है, जब आप कहें कि जो मेरा ईश्वर है, उसी को मानना होगा। ऐसा नहीं करोगे तो मारे जाओगे, हमले होंगे और आतंकी धमाके होंगे।