सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह ऐक्शन चंडीगढ़ में किसान नेताओं की केंद्र सरकार और राज्य के प्रतिनिधियों से मीटिंग के ठीक बाद हुआ।
बैठक के बाद जब किसान शंभू बॉर्डर और खनौरी की ओर रवाना हुए तो उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। वहीं दूसरी तरफ बॉर्डरों पर जेसीबी भेजी गईं।
किसानों के सारे तंबू और टेंटों को जेसीबी के सहारे हटा दिया गया। इस मौके पर कुछ किसानों ने विरोध भी दर्ज कराया, लेकिन भारी पुलिस बल पर इसका कोई असर नहीं दिखा।
रातोंरात पुलिस की ओर से यह ऐक्शन लिया गया। इसकी कोई भनक तक किसान नेताओं को नहीं थी।
पंजाब सरकार की ओर से ऐक्शन लेने के बाद हरियाणा प्रशासन ने भी हाईवेज पर लगी बैरिकेडिंग को हटा लिया।
पंजाब सरकार का यह बुलडोजर ऐक्शन देर रात तक जारी रहा। विपक्ष के कई नेताओं ने भगवंत मान सरकार के इस ऐक्शन की निंदा की है।
पंजाब सरकार के ऐक्शन के विरोध में किसान नेताओं ने पूरे देश में ही जिलाधिकारियों के दफ्तरों पर प्रदर्शन का ऐलान किया है।
कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा ने पंजाब सरकार के ऐक्शन की तुलना केंद्र सरकार से की है। उन्होंने कहा कि किसानों पर अत्याचार के मामले में भाजपा और आम आदमी पार्टी में कोई अंतर नहीं है।