खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि वे भी आमरण अनशन करेंगे। बुधवार को सुबह ही किसानों ने इलाके को खाली किया और फिर प्रार्थना के बाद अनशन शुरू कर दिया। इस बीच किसानों का कहना है कि डल्लेवाल की हालत बिगड़ती जा रही है और हमें उनकी चिंता है।
कुछ दिन पहले ही एक और किसान ने यहीं पर जान दे दी थी। अब रेशम सिंह ने ऐसा अतिवादी कदम उठा लिया। मौके पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि वह लंबे समय से चल रहे आंदोलन का कोई हल न निकलने से निराश थे। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से आंदोलन पर संज्ञान न लेने को लेकर नाराजगी जताई और यह कदम उठा लिया।
आखिर हरियाणा के किसान पंजाब वालों के साथ आंदोलन में क्यों नहीं उतर रहे हैं। यही नहीं यूपी के किसानों में भी इसे लेकर कोई हलचल नहीं दिख रही है। पंजाब से लगते जिलों करनाल, अंबाला और कुरुक्षेत्र जैसे इलाकों में भी किसानों के बीच आंदोलन को लेकर उत्साह नहीं दिख रहा है। इसके कई कारण माने जा रहे हैं।
डल्लेवाल ने कहा कि मेरी प्राथमिकता कृषि सुधार है। मेरी जिंदगी और सेहत तो बाद की बात हैं। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस नवाब सिंह, पूर्व डीजीपी बीएस संधू, अर्थशास्त्री बीएस घुम, कृषि एक्सपर्ट देविंदर शर्मा और पंजाब किसान आयोग के चेयरपर्सन सुखपाल को सुप्रीम कोर्ट ने तय कमेटी में शामिल किया है।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान आंदोलनकारियों को ही नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि यदि बिना किसी शर्त के वार्ता की जाए तो कुछ बात बन सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तो पहले ही वार्ता की पेशकश कर चुकी है, लेकिन इसके लिए बिना किसी शर्त के आगे आना होगा।
मान ने कहा कि टोहाना में होने वाली महापंचायत में भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत, महासचिव युद्धवीर सिंह और अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में पंजाब से भी बड़ी संख्या में किसान आएंगे। यही नहीं किसान नेताओं ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत गंभीर है।
जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर से ही अनशन पर बैठे हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी और अदालत ने उस दिन पंजाब से रिपोर्ट पेश करने को कहा है। राज्य के डीजीपी गौरव यादव एवं मुख्य सचिव से व्यक्तिगत तौर पर सुनवाई में रहने को कहा है।