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अरविंद केजरीवाल के 'कट्टर' समर्थकों ने भी भाजपा को जिताया, डर दिखाती रही AAP

भाजपा ने दिल्ली चुनाव में झुग्गी बस्तियों के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई है। झुग्गीवासियों को अब तक आप का कट्टर समर्थक माना जाता था। लेकिन इस बार झुग्गी बस्तियों में भाजपा को जमकर वोट मिले हैं।

Sudhir Jha हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 9 Feb 2025 05:49 AM
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अरविंद केजरीवाल के 'कट्टर' समर्थकों ने भी भाजपा को जिताया, डर दिखाती रही AAP

भाजपा ने दिल्ली चुनाव में झुग्गी बस्तियों के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई है। झुग्गीवासियों को अब तक आप का कट्टर समर्थक माना जाता था। लेकिन इस बार झुग्गी बस्तियों में भाजपा को जमकर वोट मिले हैं। भाजपा ऐसी 18 विधानसभाओं में से 10 जीतने में कामयाब रही। आम आदमी पार्टी को आठ सीटों पर सिमटना पड़ा। खास बात यह है कि अरविंद केजरीवाल लगातार इन्हें भाजपा के बुलडोजर से डराते रहे, लेकिन मतदाताओं पर इसका खास असर नहीं हुआ।

राजधानी में चुनाव से कई महीन पहले से झुग्गी बस्तियां दोनों ही प्रमुख पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण रहीं। एक तरफ 'आप' ने आरोप लगाया था कि भाजपा सत्ता में आई तो झुग्गियों को तोड़ दिया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुले मंच से कहा था कि दिल्ली में वह एक भी झुग्गी नहीं टूटने देंगे। दिल्ली के झुग्गीवासियों ने भी आप के मुकाबले भाजपा पर ज्यादा भरोसा दिखाया है। दिल्ली की ऐसी 18 विधानसभा सीटों में से 10 पर भाजपा को जीत मिली है।

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों झुग्गी बस्ती हैं। इनमें 30 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं, जिनमें से 15 लाख मतदाता हैं और वह विधानसभा चुनाव में परिणाम पर असर डालते हैं। विशेष रूप से, दिल्ली की 18 विधानसभा सीटों पर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मतदाताओं की संख्या अधिक हैं। चुनावी नतीजों में वह निर्णायक भूमिका निभाते हैं। विधानसभा चुनाव में लड़ने वाली दोनों प्रमुख पार्टियां भाजपा और आप लगातार झुग्गीवासियों में प्रचार अभियान चला रहे थे।

केजरीवाल दावा कर रहे थे कि भाजपा सरकार आते ही छह माह के भीतर झुग्गियों को तोड़ा जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा नेता झुग्गियों में जाकर रात्रि निवास कर रहे थे। उन्हें भरोसा दिला रहे थे कि भाजपा सरकार के आने पर उनकी झुग्गियों को नहीं तोड़ा जाएगा। इसके साथ ही उनके जीवन स्तर में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री द्वारा लगातार जहां झुग्गी, वहीं मकान अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत हजारों लोगों को फ्लैट दिए भी गए हैं। प्रधानमंत्री ने भी दो फरवरी को आयोजित रैली में मंच से यह गारंटी दी थी कि दिल्ली में एक भी झुग्गी नहीं टूटने देंगे।

विशेष अभियान चलाया था

झुग्गी बस्तियों को साधने के लिए भाजपा ने विशेष अभियान चलाया था। भाजपा के प्रदेश महामंत्री विष्णु मित्तल को इसका प्रभारी बनाया गया। बड़े नेताओं ने झुग्गी में रात्रि विश्राम किया। अमित शाह भी झुग्गी-बस्ती प्रमुखों से मिले थे। 1100 बूथ की पहचान करके झुग्गियों में भाजपा ने अभियान चलाया। इसका असर मतदान पर दिखाई दिया है और भाजपा झुग्गी वोट वाली सीटों पर आप को मात देने में कामयाब रही।

कच्ची कॉलोनियों में भी आप से किनारा

राजधानी की कच्ची कॉलोनियों के मतदाताओं ने इस बार चुनाव में आप से किनारा कर लिया। कच्ची कॉलोनियों की बहुलता वाली 10 प्रमुख विधानसभाओं में से सात पर जीत हासिल करने में भाजपा को कामयाबी मिली है। इससे पहले के दो विधानसभा चुनाव में इन इलाकों को आम आदमी पार्टी को भारी समर्थन मिलता रहा था।

दिल्ली में 18 सौ से ज्यादा कॉलोनियां ऐसी हैं, जिन्हें कच्ची कॉलोनियों का दर्जा प्राप्त है। इन कॉलोनियों में भवनों के नक्शे पास कराने और बैंकों से लोन लेने में मुश्किल होती है। इसके अलावा यहां पर सड़क से लेकर सीवर की तमाम परेशानियों का भी लोगों का सामना करना पड़ता है। कुछ कॉलोनियां ऐसी भी हैं, जहां पर रजिस्ट्री भी नहीं होती है। वर्ष 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में कच्ची कॉलोनियों की बहुलता वाली विधानसभाओं में आप को खासी कामयाबी मिली।

पूर्वांचल-बिहार के नेताओं का भी योगदान रहा

दिल्ली की बुराड़ी, किराड़ी, घोंडा, करावलनगर, देवली, संगम विहार, मटियाला, उत्तम नगर, मुंडका और नरेला विधानसभा क्षेत्र में कच्ची कॉलोनियों की संख्या काफी है। इस बार भाजपा को 10 में से सात सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाबी मिली है। केवल बुराड़ी, किराड़ी और देवली सीट पर ही आप को जीत मिली। बाकी सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है। इसके पीछे भाजपा का तूफानी चुनाव प्रचार, लोगों को फायदा पहुंचाने वाली घोषणाओं के साथ-साथ पार्टी के पूर्वांचल और बिहार के नेताओं का भी योगदान माना जा रहा है।

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