ऑपरेशन सिंदूर के चलते भाजपा संगठन चुनाव पर ऊहापोह की स्थिति
ऑपरेशन सिंदूर के चलते भाजपा के संगठन चुनावों में असमंजस की स्थिति है। पिछले पखवाड़े से चुनाव प्रक्रिया रुकी हुई है, जिससे राष्ट्रीय अध्यक्ष और कई राज्यों के अध्यक्षों का चुनाव नहीं हो पा रहा है। संगठन...

रामनारायण श्रीवास्तव नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के चलते भाजपा के संगठन चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बीते एक पखवाड़े से संगठन चुनावों की प्रक्रिया थमी हुई है, जिसके चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर कई राज्यों तक में नए अध्यक्षों के चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते संगठन के काम भी प्रभावित हो रहे। पहलगाम की आतंकी घटना और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर से देश का माहौल बदला हुआ है। भारत की पाकिस्तान में आतंक के खिलाफ सैन्य कार्रवाई एवं उसके बाद दोनों देशों में हुए संघर्ष पर विराम भले ही लग गया हो, लेकिन राजनीतिक गतिविधियां अभी भी प्रभावित हैं।
भाजपा की दृष्टि से उसके संगठन चुनाव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड समेत एक दर्जन से ज्यादा राज्यों के संगठन चुनाव अभी पूरे होने बाकी हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी नहीं हो पा रहा है। हालांकि, पार्टी नेताओं ने संकेत दिए हैं कि संगठन चुनाव की प्रक्रिया को जल्द आगे बढ़ाया जा सकता है और संभावना है कि एक माह के अंदर इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, कई राज्यों के नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के सामने राज्यों के संगठन के मुद्दों को लेकर कई बार चर्चा की है, जिनमें संगठन चुनाव पूरे न हो पाने के कारण कामकाज के प्रभावित होने की बात कही गई थी। भाजपा को एक साल के भीतर छह विधानसभाओं के चुनाव में जाना है, जिनमें सबसे पहले बिहार के चुनाव इस साल अक्तूबर में होने हैं। इसके बाद अगले साल अप्रैल में तमिलनाडु, असम, केरल, पश्चिम बंगाल, पद्दुचेरी के विधानसभा चुनाव हैं। बिहार के लिए संगठन में चुनाव को लेकर कोई बड़ा बदलाव अब नहीं होना है, लेकिन पश्चिम बंगाल में अभी कुछ बदलाव किए जाने हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के एक वर्ग का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव जल्द होना चाहिए ताकि संगठन में एक स्थिरता का भाव आए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।