तलाक के बाद मुआवजे को छोड़कर अन्य राहत उचित नहीं- कोर्ट
नई दिल्ली की रोहिणी जिला अदालत ने एक तलाकशुदा दंपती के मामले में पति के माता-पिता पर विदेश यात्रा की पाबंदी हटा दी। अदालत ने कहा कि तलाक के बाद घरेलू हिंसा की याचिका में मुआवजे को छोड़कर अन्य शर्तें...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। रोहिणी जिला अदालत ने एक तलाकशुदा जोड़े के मामले में पति के माता-पिता पर लगी विदेश यात्रा की पाबंदी को हटा दिया है। अदालत ने कहा कि तलाक की डिक्री के बाद घरेलू हिंसा की याचिका में मुआवजे को छोड़कर कोई अन्य शर्तें उचित नहीं होती हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विक्रम की अदालत ने यह आदेश पति के माता-पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में उन्होंने महिला अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें अदालत की पूर्व अनुमति के बिना विदेश यात्रा नहीं करने का निर्देश दिया गया था। साथ ही यात्रा कार्यक्रम और अन्य विवरण प्रस्तुत करने को भी कहा गया था।
माता-पिता की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत दीवान ने दलील दी कि पत्नी ने एकपक्षीय रूप से तलाक ले लिया है। ऐसे में विदेश यात्रा पर शर्तें लगाना अनुचित है। अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता के वकील ने तलाक को लेकर कोई विवाद नहीं किया, जिसकी प्रति रिकार्ड पर है।
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