एक सप्ताह में ऑटो-टैक्सी मालिकों की दिक्कतें दूर होंगी
एक अप्रैल से केंद्रीय पोर्टल पर काम शुरू होने के बाद ऑटो-टैक्सी मालिकों को परमिट और फिटनेस जांच से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ा। विशेष परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन समस्याओं के...

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। एक अप्रैल से केंद्रीय पोर्टल पर काम शुरू होने के बाद से ऑटो-टैक्सी मालिकों के सामने आ रहीं परमिट और फिटनेस जांच से संबंधित दिक्कतें एक सप्ताह में दूर होंगी। गुरुवार को विशेष परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में दिल्ली की सात ऑटो-टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधिमंडल और परिवहन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई। इसमें कई अन्य मुद्दों पर भी मंथन कर समाधान का आश्वासन दिया गया है। ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने बताया कि दिल्ली में मोबाइल ऐप के जरिए चलने वाली निजी बाइक और प्राइवेट कार यात्रियों को लाने-ले जाने का काम कर रही हैं, जबकि उनके पास एग्रीगेटर लाइसेंस नहीं हैं।
इस पर विशेष परिवहन आयुक्त ने कहा कि जो कंपनियां एग्रीगेटर लाइसेंस को प्रदर्शित नहीं करेंगी, उनके वाहन जब्त किए जाएंगे। उन्होंने सेंट्रलाइज पोर्टल में चल रही तमाम समस्याओं को एक सप्ताह में अपग्रेड कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद ऑटो-टैक्सी मालिकों को वाहन संबंधी दस्तावेज कार्य और फिटनेस जांच के समय और असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बिना इंश्योरेंस और लाइसेंस के संचालित ई-रिक्शा और जुगाड़ रिक्शा पर कानूनी शिकंजा कस जब्तीकरण की कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया है। इन आश्वासनों के बाद ऑटो-टैक्सी चालकों ने 19 मई को प्रस्तावित हड़ताल को स्थगित कर दिया है।
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