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इस बार कम महिलाएं बनेंगी विधायक; आतिशी के अलावा और किसने जीता दिल्ली चुनाव ?

  • हार-जीत को महिला उम्मीदवारों के लिहाज से देखें तो बीते साल के मुकाबले इस बार कम महिलाएं जीतकर विधायक बनेंगी। जानिए इस बार कितनी महिलाओं ने कहां से और किसे हराकर चुनाव जीता है।

Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 9 Feb 2025 05:39 PM
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इस बार कम महिलाएं बनेंगी विधायक; आतिशी के अलावा और किसने जीता दिल्ली चुनाव ?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे सामने आ गए हैं। आप को 22 तो वहीं भाजपा को 48 सीटें मिलीं। ये आंकड़ें चौकाने वाले रहे, खासकर आम आदमी पार्टी के लिए। हार-जीत को महिला उम्मीदवारों के लिहाज से देखें तो बीते साल के मुकाबले इस बार कम महिलाएं जीतकर विधायक बनेंगी, क्योंकि कुल 5 महिलाएं ही चुनाव जीती हैं। जीतने वाली कुल महिलाओं में 4 भाजपा से हैं, तो एक आप से। आइए जानते हैं कि कौन हैं ये महिलाएं और किस विधानसभा से किसको हराकर चुनाव जीती हैं।

घटती-बढ़ती रही संख्या

विधानसभा में महिलाओं की हिस्सेदारी पिछले कुछ सालों में कम होती गई है। 1998 में यह नौ के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी और उसके बाद हुए कई चुनावों में यह घटकर तीन रह गई। 2025 में केवल पांच महिलाएं चुनी गई हैं, जो 2020 में देखी गई वृद्धि को उलट देती है। इन महिलाओं में भाजपा से रेखा गुप्ता, पूनम शर्मा, नीलम पहलवान और शिखा रॉय तथा आप की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी हैं।

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इन महिलाओं ने दर्ज की जीत

भाजपा की शिखा राय ने ग्रेटर कैलाश से आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता सौरभ भारद्वाज को हराया है। नजफगढ़ सीट से भाजपा की नीलम पहलवान ने आम आदमी पार्टी के तरुण कुमार को हराया है। सालीमार बाग से रेखा गुप्ता ने बंदना कुमारी को हराया है। बीजेपी की पूनम ने बजीरपुर में राजेश गुप्ता को हराया है। भाजपा से 4 महिलाओं ने जीत दर्ज की है। एकमात्र महिला उम्मीदवार आतिशी ने आप से जीत दर्ज की। आतिशी ने कालकाजी सीट से भाजपा के रमेश बिधूड़ी को हराया है।

पेशे और शिक्षा में भी हुआ बदलाव

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, विधान सभा के सदस्यों के प्रोफाइल में पेशे और शिक्षा के संदर्भ में भी बदलाव देखा गया है। 61% विधायकों की पृष्ठभूमि राजनीति या सामाजिक कार्यों से जुड़ी है, जो 2020 में 67% से कम है। व्यावसायिक पृष्ठभूमि वाले विधायकों का अनुपात 2020 में 29% से बढ़कर 2025 में 49% हो गया है। इसके अलावा, विधायकों के बीच शिक्षा के स्तर में भी बदलाव देखा गया है। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले विधायकों का अनुपात 2020 में 34% से बढ़कर 2025 में 38% हो गया, जबकि उच्चतर माध्यमिक तक शिक्षा प्राप्त करने वालों की हिस्सेदारी 40% से घटकर 36% हो गई।

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