Hindi Newsएनसीआर न्यूज़5 reasons and railways negligences became 18 passengers deaths cause at New Delhi Railway Station stampede

5 लापरवाहियों ने लील लीं 18 जानें, नई दिल्ली स्टेशन पर मची भगदड़ में रेलवे की कई खामियां आईं सामने

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई। आलम यह था कि स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ रही थी और रेलवे अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। इस घटना में रेलवे की पांच बड़ी गलतियां सामने आई हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हिन्दुस्तानMon, 17 Feb 2025 05:32 AM
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5 लापरवाहियों ने लील लीं 18 जानें, नई दिल्ली स्टेशन पर मची भगदड़ में रेलवे की कई खामियां आईं सामने

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई। आलम यह था कि स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ रही थी और रेलवे अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। इस घटना में रेलवे की पांच बड़ी गलतियां सामने आई हैं।

हादसा काफी भयावह था : हादसे के बारे में बताते हुए दिल्ली अग्निशमन सेवा के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इतनी भीड़ इससे पहले कभी नहीं देखी। हादसा काफी भयावह था। टीम के पहुंचने से पहले ही पीड़ितों के अलावा स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों और कुलियों ने कई शवों को बाहर निकाल दिया था। डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग के अनुसार, तीन शवों और कुछ घायलों को अग्निशमन विभाग ने बाहर निकाला।

1. गाड़ियों के विलंब से अव्यवस्था हुई

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लैटफॉर्म संख्या 14 से मगध एक्सप्रेस रात 9:05 की जगह 9:18 बजे रवाना हुई। इसके चलते स्टेशन पर न केवल इस गाड़ी की बल्कि इसके बाद 10.10 बजे चलने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस के हजारों यात्री पहुंचे थे। वहीं, प्लैटफॉर्म संख्या 13 पर स्वतंत्रता सेनानी का समय 9:15 बजे से बदलकर 11:45 बजे कर दिया गया। गाड़ियों के समय में बदलाव से प्लैटफॉर्म पर यात्रियों की भारी भीड़ जुटती चली गई और इसके नियंत्रण के लिए रेलवे की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए।

2. हर घंटे 1500 टिकटों की बिक्री

रेलवे सूत्रों का कहना है कि शनिवार रात नई दिल्ली स्टेशन से प्रयागराज जाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हर घंटे लगभग 1500 अनारक्षित टिकट यात्रियों ने खरीदे। इस वजह से स्टेशन के प्लैटफॉर्म संख्या 12 से लेकर 16 तक हजारों लोगों की भीड़ न केवल प्लैटफॉर्म बल्कि सीढ़ियों, फुटओवरब्रिज और एस्केलेटर तक में भरी हुई थी। यात्रियों के लिए यहां रेलगाड़ी में सवार होना ही नहीं बल्कि चलना भी मुश्किल हो रहा था।

3. भीड़ नियंत्रण के नहीं थे इंतजाम

उत्तर रेलवे द्वारा दिवाली एवं छठ के मौके पर हर साल नई दिल्ली एवं आनंद विहार स्टेशन पर विशेष बंदोबस्त किए जाते हैं। यात्रियों को बाहर रोककर अंदर भेजा जाता है, ताकि प्लैटफॉर्म पर भीड़ न बढ़े, लेकिन डेढ़ माह से चल रही महाकुंभ की भीड़ को लेकर इस तरह के कोई बंदोबस्त रेलवे द्वारा नहीं किए गए। यहां तक कि उचित संख्या में सुरक्षाकर्मी तक तैनात नहीं किए गए थे। सूत्रों का कहना है कि आरपीएफ के काफी जवान ड्यूटी में प्रयागराज भेजे गए हैं, इसके चलते इनकी संख्या दिल्ली में कम थी।

4. घोषणा के बाद यात्रियों में भगदड़

रेलवे स्टेशन पर जब भीड़ बहुत ज्यादा हो गई तो उसी समय रेलवे द्वारा प्रयागराज स्पेशल गाड़ी चलाने की घोषणा की गई। यह कहा गया कि प्रयागराज के लिए स्पेशल गाड़ी प्लैटफॉर्म -16 से जा रही है। यह घोषणा जिस समय हुई, उससे कुछ ही समय बाद प्लैटफॉर्म संख्या-14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस को आना था। इस घोषणा के बाद यात्री प्लैटफॉर्म-16 की तरफ भागने लगे तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों को लगा कि प्रयागराज एक्सप्रेस 14 की जगह 16 पर आएगी। इस वजह से भी बड़ी संख्या में यात्री 16 नंबर प्लैटफॉर्म की तरफ दौड़े।

5. रेलवे की योजना में खामियां मिलीं

रेलवे सूत्रों ने बताया कि प्रयागराज की तरफ जाने वाली अधिकांश रेलगाड़ियां आसपास के प्लैटफॉर्म से ही चल रही थीं, जो बेहद खराब योजना मानी जा रही है। प्रयागराज होते हुए जयनगर जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के यात्री प्लैटफॉर्म संख्या 13 पर रात 8 बजे से ही पहुंचने लगे थे, जबकि यह गाड़ी रात 12 बजे गई। प्लैटफॉर्म संख्या 14 से मगध एक्सप्रेस 13 मिनट की देरी से चली जो प्रयागराज होते हुए जाती है। इस समय तक बड़ी संख्या में प्रयागराज एक्सप्रेस से जाने वाले यात्री प्लैटफॉर्म पर पहुंच चुके थे।

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