इसरो ने अंतरिक्ष में किया कमाल, लोबिया का बीज बन गया पौधा; निकल आईं पत्तियां
- इसरो ने अंतरिक्ष में लोबिया के बीज को अंकुरित करवाया और अब इसमें पत्तियां आनी भी शुरू हो गई हैं। इसरो ने इसे मील का पत्थर बताया है। अंतरिक्ष में इंसान की स्थायी मौजूदगी की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को कहा कि PSLV-C60 POEM-4 प्लेटफॉर्म’ पर अंतरिक्ष में भेजे गए लोबिया के बीजों में अंकुरण के बाद पहली पत्तियां निकल आई हैं। इसरो ने कहा कि यह अंतरिक्ष में उपजा पौध अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है।
भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) द्वारा विकसित ‘कॉम्पैक्ट रिसर्च मॉड्यूल फॉर ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज’ (सीआरओपीएस) एक स्वचालित मंच है, जिसे अंतरिक्ष के सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण वातावरण में पौधों के जीवन को विकसित करने और बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है।
इसरो ने कहा कि उसके हालिया प्रयोगों में से एक में सक्रिय तापीय प्रबंधन से सुसज्जित नियंत्रित एवं बंद वातावरण में लोबिया के बीज उगाना शामिल था। इसरो ने बताया कि इस प्रणाली ने ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर, सापेक्ष आर्द्रता, तापमान और मिट्टी की नमी सहित विभिन्न मापदंडों की निगरानी की, साथ ही पौधों की वृद्धि पर नजर रखने के लिए तस्वीरें भी लीं।
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, इस प्रणाली ने अंतरिक्ष में लोबिया के अंकुरण और दो पत्ती वाली अवस्था तक विकास को सफलतापूर्वक सहायता प्रदान की। इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘यह उपलब्धि न केवल अंतरिक्ष में पौधे उगाने की इसरो की क्षमता को प्रदर्शित करती है, बल्कि भविष्य के दीर्घकालिक मिशन के लिए मूल्यवान जानकारी भी प्रदान करती है।’
इसरो ने कहा कि पौधे सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल कैसे ढलते हैं, यह समझना जीवन समर्थन प्रणाली विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भोजन का उत्पादन कर सकती है और हवा और पानी बना सकती है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘सीआरओपीएस प्रयोग की सफलता अंतरिक्ष में स्थायी मानव मौजूदगी की दिशा में एक आशाजनक कदम है।’