सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बेरोजगार बंगाल शिक्षक हुए दिल्ली रवाना, 25 हजार की गई है नौकरी
- सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान कहा कि यह भर्ती दागी रही है। इसलिए इसे रद्द ही करना होगा। दरअसल इस मामले में आरोप है कि भर्ती करीब 25 हजार की ही निकाली गई थी, लेकिन नियुक्ति पत्र मिलने से पहले चयनित लोगों का आंकड़ा नोटिफिकेशन से ज्यादा कर दिया गया।A PRA

पश्चिम बंगाल के 25 हजार से ज्यादा शिक्षक एवं अन्य स्टाफ की नौकरी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से चली गई है। इसे लेकर तीखा विरोध हो रहा है और सीएम ममता बनर्जी का भी कहना है कि वह इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी। उन्होंने कहा था कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करती हैं, लेकिन किसी टीचर की नौकरी नहीं जाने देंगी। इस बीच बेरोजगार हुए शिक्षकों का एक वर्ग दिल्ली रवाना हुआ है। इन टीचरों का कहना है कि हम दिल्ली तक आवाज पहुंचाना चाहते हैं। शिक्षकों की योजना 16 अप्रैल को राष्ट्रीय राजधानी के जंतर मंतर पर धरना देने की है।‘डिजर्विंग टीचर्स राइट्स फोरम’ के प्रवक्ता महबूब मंडल ने कहा कि शीर्ष अदालत के तीन अप्रैल के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों में शामिल 70 लोग दो बसों में सवार होकर कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र से रवाना हुए।
उच्चतम न्यायालय ने 26,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षकों की भर्ती को रद्द कर दिया था। मंडल ने कहा, 'हमारा विरोध उन योग्य शिक्षकों को निकालने के खिलाफ है जिन्होंने 2016 में एसएससी की भर्ती परीक्षा योग्यता के आधार पर पास की थी। इसके बावजूद, हमें उन लोगों के साथ अनुचित रूप से जोड़ दिया गया, जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं। शीर्ष अदालत ने पूरी प्रक्रिया को ही भ्रष्ट घोषित कर दिया। अब हमें क्या करना चाहिए?' उन्होंने कहा कि बर्खास्त कर्मचारियों को स्वैच्छिक रूप से काम करने की अनुमति देने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को बहुत कम लोगों ने स्वीकार किया है। मंडल ने कहा, 'हम राष्ट्रीय राजधानी में लोगों के समक्ष अपना पक्ष रखना चाहते हैं। कई प्रमुख व्यक्तियों ने समर्थन व्यक्त किया है और धरने के दौरान हमसे मिलने की योजना बना रहे हैं।'
मंडल ने पुष्टि की कि दिल्ली जाने वाले सभी लोग जंतर-मंतर पर तीन घंटे के धरने में भाग लेंगे और कहा कि इसके लिए दिल्ली के अधिकारियों से जरूरी अनुमति ले ली गई है। इस बीच, कोलकाता में एस्प्लेनेड के पास वाई-चैनल पर 'योग्य' शिक्षकों का धरना जारी रहेगा। उच्चतम न्यायालय ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा 2016 में की गई भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाए जाने के बाद राज्य प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को तीन अप्रैल को अमान्य करार दिया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान कहा कि यह भर्ती दागी रही है। इसलिए इसे रद्द ही करना होगा। दरअसल इस मामले में आरोप है कि भर्ती करीब 25 हजार की ही निकाली गई थी, लेकिन नियुक्ति पत्र मिलने से पहले चयनित लोगों का आंकड़ा नोटिफिकेशन से ज्यादा कर दिया गया।A PRA