Mamata government is giving benefits to Muslims is Caste survey conducted in Bengal BJP created ruckus ममता सरकार मुसलमानों को दे रही फायदा; बंगाल में जातिगत सर्वे? BJP ने किया बवाल, India Hindi News - Hindustan
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ममता सरकार मुसलमानों को दे रही फायदा; बंगाल में जातिगत सर्वे? BJP ने किया बवाल

  • भाजपा ने पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस सरकार पर गंभीर इल्जाम लगाते हुए कहा है कि राज्य सरकार एक जातिगत सैंपल सर्वे करा रही है, जिसका मकसद मुस्लिम पिछड़ी जातियों को फायदा पहुंचाना है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानWed, 5 March 2025 07:12 PM
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ममता सरकार मुसलमानों को दे रही फायदा; बंगाल में जातिगत सर्वे? BJP ने किया बवाल

पश्चिम बंगाल में 2026 विधानसभा चुनाव से पहले सियासी घमासान तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर गंभीर इल्जाम लगाते हुए कहा है कि राज्य सरकार एक जातिगत सैंपल सर्वे करा रही है, जिसका मकसद मुस्लिम पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को फायदा पहुंचाना और हिंदू ओबीसी को पीछे धकेलना है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा महासचिव जगन्नाथ चटर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह सर्वे केवल राजनीतिक तुष्टिकरण के लिए किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार मुस्लिम समुदायों की आर्थिक जानकारी इकट्ठा कर रही है ताकि सरकारी लाभ उन्हीं को दिया जा सके, जबकि हिंदू ओबीसी को इससे दूर रखा जा रहा है। अपने बयान में चटर्जी ने कहा, "टीएमसी सरकार का यह सर्वे सिर्फ मुस्लिम ओबीसी को फायदा पहुंचाने के लिए है। यह एक तरह से वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण का खुला उदाहरण है।"

सर्वे फूट डालने वाला: भाजपा

उन्होंने यह भी इल्जाम लगाया कि सर्वे के सवालों की बनावट ऐसी है जिससे समुदायों के बीच फूट डाली जा सके। भाजपा नेता ने कहा कि कुछ सवालों में लोगों से पूछा गया है कि उनके इलाकों में पानी की सुविधा कैसी है और क्या वे अपने पड़ोसियों के साथ खाना साझा करते हैं।

अपने बयान में चटर्जी ने कहा, "इतिहास में पहले कभी इस तरह के सवाल नहीं पूछे गए। यह एक सोची-समझी साजिश है ताकि सांप्रदायिक तनाव पैदा किया जा सके। हाई कोर्ट पहले ही ओबीसी सूची को रद्द कर चुका है और अब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।"

हाई कोर्ट ने अवैध करार दी थी ओबीसी लिस्ट

गौरतलब है कि 2024 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 2010 के बाद दी गई ओबीसी सूची को अवैध करार देते हुए आरक्षण को रद्द कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जहां यह मामला फिलहाल विचाराधीन है।

दूसरी तरफ, ममता बनर्जी ने भाजपा पर चुनावी धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेरफेर की गई है और एक ही एपिक (इलेक्ट्रॉनिक फोटो पहचान पत्र) नंबर को अलग-अलग राज्यों में दोबारा इस्तेमाल किया गया है। ममता ने चुनाव आयोग को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि उसे अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए।

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